अधजले नोटों की गड्डियां मिलने पर जज यशवंत वर्मा ने क्या कहा...
कमरे में चारों तरफ अधजले नोट ही नोट बिखरे हुए हैं. ये सभी पांच-पांच सौ रुपये की नोटों की गड्डियां हैं. कुछ गड्डियों में से धुंआ अब भी उठ रहा है. फायरब्रिगेड का एक कर्मचारी इन नोटों की गड्डियों को इधर-उधर कर देख रहा है कि कहीं कोई चिंगारी, तो नहीं रह गई है, जिससे फिर आग लगने की आशंका न हो... ये वीडियो दिल्ली हाई कोर्ट के जज यशवंत वर्मा के घर के उस कमरे का है, जहां 14 मार्च को आग लग गई थी. इस वीडियो को दिल्ली पुलिस ने जांच रिपोर्ट के साथ सुप्रीम कोर्ट में सब्मिट किया है... 25 पन्नों की इस रिपोर्ट और इसमें दिये गए फोटो-वीडियो को कोर्ट ने सार्वजनिक कर दिया है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने वो दलील भी सार्वजनिक की है, जो जस्टिस यशवंत वर्मा ने अपने बचाव में दी है.
जज यशवंत वर्मा के घर नोटों की गड्डियां मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस (CJI) संजीव खन्ना ने दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय को इस मामले में शुरुआती जांच कर मामले की गंभीता जानने को कहा था. डीके उपाध्याय ने अपनी चिट्टी में सीजेआई संजीव खन्ना को कहा है कि इस मामले में 'गहरी जांच' की ज़रूरत है. उधर, आरोपी जज साहब ने दावा किया है कि नोटों की गड्डियां उनकी नहीं हैं. स्टोर रूम में उन्होंने या उनके परिवार वालों ने कभी कैश नहीं रखा और उनके खिलाफ साजिश रची जा रही है.
#WATCH | The Supreme Court released the inquiry report filed by Delhi High Court Chief Justice Devendra Kumar Upadhyaya into the controversy relating to High Court Justice Yashwant Varma. In his report, the Delhi High Court Chief Justice said that he is of the prima facie opinion… pic.twitter.com/1xgMh8xWNW
— ANI (@ANI) March 22, 2025
सुप्रीम कोर्ट में दी गई रिपोर्ट में क्या?
दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय द्वारा सौंपी गई जांच रिपोर्ट में आधिकारिक संचार से संबंधित सामग्री भी शामिल थी, जिसके अनुसार, भारतीय मुद्रा की चार से पांच अधजली गड्डियां पाई गईं. 25 पन्नों की जांच रिपोर्ट में होली की रात न्यायमूर्ति वर्मा के आवास पर लगी आग को बुझाने से जुड़े अभियान के वीडियो और फोटोग्राफ भी शामिल हैं, जिसके दौरान नकदी बरामद हुई थी. न्यायमूर्ति उपाध्याय ने लिखा, 'रिपोर्ट की गई घटना, उपलब्ध सामग्री और न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के जवाब की जांच करने पर, मुझे जो पता चला, वह यह है कि पुलिस आयुक्त ने 16.3.2025 की अपनी रिपोर्ट में बताया है कि न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के आवास पर तैनात गार्ड के अनुसार, 15.3.2025 की सुबह जिस कमरे में आग लगी थी, वहां से मलबा और आंशिक रूप से जली हुई अन्य वस्तुएं हटा दी गई थीं.' उन्होंने लिखा, 'मेरे द्वारा की गई जांच में प्रथम दृष्टया बंगले में रहने वाले लोगों, घरेलू सहायकों, माली और सीपीडब्ल्यूडी कर्मियों (यदि कोई हो) के अलावा किसी अन्य व्यक्ति द्वारा कमरे में प्रवेश करने या पहुंचने की संभावना सामने नहीं आई है.' न्यायमूर्ति उपाध्याय ने 21 मार्च को तैयार रिपोर्ट में कहा, 'शुरुआती जांच के बाद मेरी राय है कि पूरे मामले की गहन जांच की आवश्यकता है.'

रिपोर्ट की बड़ी बातें...
- दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय ने रिपोर्ट में कहा कि 15 मार्च को उन्हें दिल्ली पुलिस के कमिश्नर का फ़ोन आया था, जिसमें उन्होंने जस्टिस यशवंत वर्मा के घर में लगी आग के बारे में बताया. हालांकि, कमिश्नर ने उन्हें क्या बताया ये हिस्सा सार्वजनिक नहीं किया गया है.
- इसके बाद जस्टिस डीके उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना को 15 मार्च को पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी.
- जस्टिस डीके उपाध्याय ने यह भी बताया कि जस्टिस यशवंत वर्मा के घर कुछ जली हुई चीजो को स्टोर रूम से हटाया गया.
- जस्टिस डीके उपाध्याय ने इसके बाद अपने सेक्रेटरी को जस्टिस यशवंत वर्मा के घर की जांच करने के लिए भेजा.
- जस्टिस डीके उपाध्याय ने अपनी रिपोर्ट में पुलिस कमिश्नर द्वारा भेजी गईं कुछ रिपोर्टों को भी शामिल किया है.
- इन रिपोर्टों में ये कहा गया है कि स्टोर रूम में 4-5 अधजली बोरियों में कैश मिला है.
- जांच के मुताबिक स्टोर रूम में सिर्फ घर में रहने वाले लोगों, नौकरों और मालियों का आना जाना था, इसलिए इस मामले में और जांच की ज़रूरत है.
- पुलिस कमिश्नर ने जस्टिस डीके उपाध्याय के साथ कुछ फोटो और एक वीडियो भी शेयर किए हैं. इनमें एक कमरे में नोट जलते दिख रहे हैं.
जज साहब ने अपने बचाव में क्या कहा?
जज साहब ने अपने बचाव में कई दलील दी हैं. न्यायाधीश यशवंत वर्मा ने कहा कि जिस कमरे में नोटों की गड्डियां मिलीं, वह उनके मुख्य आवास से अलग है और कई लोग इसका इस्तेमाल करते हैं. दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय को नकदी की कथित बरामदगी पर एक लंबे जवाब में न्यायमूर्ति वर्मा ने कहा कि 14 मार्च की देर रात होली के दिन दिल्ली में उनके आधिकारिक आवास के स्टाफ क्वार्टर के पास स्थित स्टोर रूम में आग लग गई थी. न्यायाधीश ने लिखा, 'इस कमरे का इस्तेमाल आम तौर पर सभी लोग पुराने फर्नीचर, बोतलें, क्रॉकरी, गद्दे, इस्तेमाल किए गए कालीन, पुराने स्पीकर, बागवानी के उपकरण और सीपीडब्ल्यूडी (केंद्रीय लोक निर्माण विभाग) की सामग्री जैसे सामान रखने के लिए करते थे. यह कमरा खुला है और सामने के गेट के साथ-साथ स्टाफ क्वार्टर के पिछले दरवाजे से भी इसमें प्रवेश किया जा सकता है. यह मुख्य आवास से अलग है और निश्चित रूप से मेरे घर का कमरा नहीं है, जैसा कि बताया जा रहा है.'

न्यायमूर्ति वर्मा ने कहा कि वे और उनकी पत्नी उस दिन मध्य प्रदेश में थे और घर पर केवल उनकी बेटी और वृद्ध मां ही थीं. उन्होंने कहा कि वे 15 मार्च को भोपाल से इंडिगो की फ्लाइट से अपनी पत्नी के साथ दिल्ली लौटे. न्यायाधीश ने कहा, 'जब आधी रात के आसपास आग लगी, तो मेरी बेटी और मेरे निजी सचिव ने फायरबिग्रेड को सूचित किया और उनकी कॉल विधिवत रिकॉर्ड की गई. आग बुझाने के दौरान, सभी कर्मचारियों और मेरे घर के सदस्यों को सुरक्षा चिंताओं के मद्देनजर घटनास्थल से दूर जाने के लिए कहा गया. आग बुझने के बाद जब वे घटनास्थल पर वापस गए, तो उन्होंने मौके पर कोई नकदी या मुद्रा नहीं देखी.' उन्होंने कहा, 'मैं साफतौर पर कहना चाहता हूं कि मेरे या मेरे परिवार के किसी भी सदस्य द्वारा उस स्टोररूम में कभी भी कोई नकदी नहीं रखी गई थी और मैं इस बात की कड़ी निंदा करता हूं कि कथित नकदी हमारी थी. यह विचार या सुझाव कि यह नकदी हमारे द्वारा रखी गई थी, पूरी तरह से बेतुका है. यह सोच कि कोई व्यक्ति स्टाफ क्वार्टर के पास या आउटहाउस में खुले, आसानी से सुलभ और आम तौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले स्टोररूम में नकदी रखेगा, अविश्वसनीय है.'
न्यायाधीश यशवंत वर्मा का मामला सीजेआई संजीव खन्ना द्वारा गठित कमिटी को सौंपा गया है. साथ ही पुलिस से जस्टिस यशवंत वर्मा के पिछले 6 महीने के कॉल रिकॉर्ड भी मांगे गए हैं. चीफ़ जस्टिस संजीव खन्ना ने फैसला लिया है कि फिलहाल के लिए जस्टिस यशवंत वर्मा को कोई न्यायिक ज़िम्मेदारी न सौंपी जाए.
ये भी पढ़ें :-कब-कब न्याय की कुर्सी पर लगे दाग: भारत में जजों पर भ्रष्टाचार के 5 बड़े मामले, जानिए यहां
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं