प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हल्द्वानी शहर को सात जोन में बांटा गया है
नई दिल्ली:
उत्तराखंड के हल्द्वानी में अब हालात सामान्य हैं. हल्द्वानी में इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई है. साथ ही बनभूलपुरा को छोड़कर बाकी शहर से कर्फ्यू हटा लिया गया है. हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके में बृहस्पतिवार को ‘अवैध रूप से निर्मित’ एक मदरसे को ढहाए जाने को लेकर हिंसा भड़क उठी थी, जिसके बाद यहां स्थिति को काबू करने के लिए कर्फ्यू लगाया गया था.
- उत्तराखंड के प्रशासन के आला अधिकारियों ने बताया कि बनभूलपुरा को छोड़कर बाकी शहर से कर्फ्यू हटा दिया गया है. हल्द्वानी में इंटरनेट सेवा बहाल की गई. प्रशासन का कहना है कि हल्द्वानी के हालात अब सामान्य हो रहे हैं.
- नैनीताल की जिलाधिकारी वंदना सिंह ने शनिवार को कर्फ्यू बनभूलपुरा तक सीमित करने का आदेश जारी किया. आदेश में कहा गया है कि कर्फ्यू अब समूचे बनभूलपुरा क्षेत्र तक सीमित रहेगा जिसमें आर्मी छावनी (वर्कशॉप लाइन समेत)-तिकोनिया-तीनपानी और गौलापार बाईपास की परिधि का क्षेत्र शामिल है.
- पुलिस ने बताया कि हल्द्वानी हिंसा मामले में पांच लोगों की गिरफ्तारी हुई है और 16 लोग नामजद किया गया है. मामले की जांच चल रही है और आगे और भी गिरफ्तारियां संभव है.
- प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हल्द्वानी शहर को सात जोन में बांटा गया है. अभी भी कई इलाके ऐसे हैं, जहां पैरामिलिट्री फोर्स और PAC के जवान तैनात हैं.
- हल्द्वानी में हुई हिंसा का मुद्दा लोकसभा में उठाते हुए इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के सदस्य ई.टी. मोहम्मद बशीर ने कहा था कि इस तरह की घटनाएं नहीं होनी चाहिए, अन्यथा देश को इसका नुकसान होगा.
- उत्तराखंड के हल्द्वानी शहर में ‘अवैध रूप से निर्मित' एक मदरसे और उसके परिसर के अंदर नमाज पढ़ने की जगह को ध्वस्त करने पर भड़की हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई और तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हैं. वहीं, पुलिस के दर्जनों जवान भी लोगों की पत्थरबाजी में घायल हुए हैं.
- नैनीताल के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) प्रह्लाद मीणा ने हिंसा में मारे गए लोगों के बारे में कहा कि पुलिस गोलीबारी में किसी की मौत नहीं हुई और पोस्टमॉर्टम से उनकी मौत की परिस्थितियां स्पष्ट हो जाएंगी.
- पुलिस अधिकारियों ने बताया कि प्रशासन द्वारा सरकारी जमीन पर बने मदरसे को गिराए जाने के बाद स्थानीय निवासियों ने पुलिस पर पथराव किया और वाहनों को आग लगा दी.
- हालांकि, मदरसे को ढहाए जाने से पहले निवासियों को सूचना दी गई थी. मदरसे के आसपास रहने वाले लोगों ने पुलिस कर्मियों और पत्रकारों पर पथराव किया, जिसमें कुछ लोग घायल हो गए.
- हल्द्वानी हिंसा की घटनाओं की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं और जांच 15 दिन के भीतर पूरी करने का निर्देश दिया गया है. मुख्य सचिव राधा रतूड़ी द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि कुमाऊं के आयुक्त दीपक रावत मजिस्ट्रेट जांच करेंगे और 15 दिन के भीतर सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे.