Hafiz Saeed : पाकिस्तान (Pakistan) की आतंकवाद रोधी अदालत (Anti Terrorism Court) ने जमात उद दावा के चीफ हाफिज सईद को एक मामले में 31 साल जेल की सजा सुनाई है. हाफिज सईद प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैयबा का प्रमुख भी रहा है औऱ उसे मुंबई हमले का मुख्य साजिशकर्ता माना जाता है. कोर्ट ने 3.40 लाख रुपये का जुर्माना लगाने के साथ उसकी सारी संपत्ति जब्त करने का आदेश भी दिया है. हाफिज सईद के खिलाफ यह अदालती आदेश ऐसे वक्त आया है, जब पाकिस्तान में सियासी संकट गहराया हुआ है. इमरान खान की कुर्सी जा चुकी है, लेकिन वहां आगे आम चुनाव होंगे या विपक्षी दलों के महागठबंधन की ओर से शहबाज शरीफ प्रधानमंत्री होंगे, इस पर अभी तस्वीर साफ होना बाकी है.
जानकारी के अनुसार, जिन मदरसों और मस्जिदों को हाफिज सईद ने बनवाया है, उन्हें भी अब सरकारी नियंत्रण में रखा जाएगा. एंटी टेररिज्म कोर्ट के जज एजाज बटर ने कहा कि सुनवाई पूरी करने के साथ ये सख्त सजा का ऐलान किया. पाकिस्तान की सीआईडी ने हाफिज सईद और अन्य के खिलाफ आतंकवाद और फंडिंग के आरोप में केस दर्ज किए थे. इससे पहले भी विशेष आतंकवाद रोधी अदालत कई मामलों में सईद को सजा सुना चुकी है, लेकिन ऊपरी अदालतों से वो ज्यादातर बच निकला है. इससे पहले हाफिज सईद को वर्ष 2020 में15 साल की जेल एंटी टेरर कोर्ट ने टेरर फंडिंग केस में सुनाई थी. 70 साल के हाफिज सईद को आतंकवादी को धन मुहैया कराने के आरोप में कई केस चल रहे हैं.
हालांकि पाकिस्तान में 26/11 का मामला बेहद लचर गति से चल रहा है. घटना के 14 साल बाद भी मुंबई हमला मामले में ट्रायल पूरा नहीं हो पाया है. पाकिस्तान इस केस में हाफिज सईद, जकी उर रहमान लखवी जैसे बड़े लश्कर कमांडरों पर नकेल कसने में नाकाम रहा है. जबकि भारत कई बार पाकिस्तान को मुंबई अटैक के केस में सुनवाई तेज करने को कह चुका है.
मुंबई अटैक में 175 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी, इसमें अमेरिका, इजरायल समेत कई देशों के नागरिक शामिल हैं. मुंबई हमले के दौरान सुप्रसिद्ध ताज होटल, छत्रपति शिवाजी टर्मिनल समेत कई स्थानों पर आतंकवादियों ने हमला बोला था. इसमें एक आतंकी अजमल कसाब को जिंदा गिरफ्तार किया गया था. इसे बाद में फांसी की सजा दी गई थी.
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