
साबरमती जेल (फाइल फोटो)
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मां के आंसुओं के सामने पस्त हो गया 20 वर्षीय आरोपी
गुजरात की सबसे सुरक्षित जेल की सुरक्षा व्यवस्था की धज्जियां उड़ीं
मां ने स्वयं क्राइम ब्रांच के दफ्तर में पहुंचकर कराया समर्पण
बीस फीट ऊंची दीवार पर तारों में करंट
साबरमती जेल में आतंकवाद और बम ब्लास्ट से लेकर बड़े-बड़े गुनाहों के आरोपी और सजा याफ्ता कैदी रहते हैं। इसी लिहाज से इसकी सुरक्षा बहुत ही अहम है। सुरक्षा के मद्देनजर यहां करीब 500 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। चारों ओर बहुत सारे वॉच टावर हैं। जेल के आसपास करीब 20 फीट की सुरक्षा दीवार है और उस दीवार पर लगे तारों में लगातार बिजली दौड़ती है। इसके अलावा बड़ी संख्या में पुलिस कर्मी तैनात रहते हैं। ऐसे में अगर कोई जेल की दीवार फांदकर भाग जाए तो यह असंभव ही लगता है।
दीवार लांघकर फरार हो गया प्रवीण
पिछले रविवार को इस पूरी सुरक्षा की धज्जियां उड़ा दीं एक 20 साल के हत्या के आरोपी प्रवीण उर्फ भोलो ने। वह रविवार को दोपहर में सबकी नजर से बचकर जेल की 20 फीट की दीवार फांद गया। पूरी जेल में किसी को इसका पता नहीं चला। शाम को जब सभी कैदियों को अपने-अपने बैरेकों में भेजा जाता है तब उनकी गिनती की जाती है। गिनती में पता चला कि इस बैरेक में 135 कैदियों में से एक कम है। बार-बार गिनती की गई तो पता चला कि प्रवीण गायब है। इस पर सभी चौंक उठे।
तारों में नहीं था करंट
सीसीटीवी वगैरह की जांच की गई। पुलिस भी हैरान रह गई कि 20 फीट की दीवार फांदकर कोई स्पाइडरमैन जैसे कैसे भाग गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच अहमदाबाद क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई। जांच करने पर पता चला कि उस वक्त बिजली के तार में बिजली नहीं दौड़ रही थी। सुरक्षा में भारी चूक स्पष्ट हो गई। लेकिन बड़ी चुनौती थी इस आरोपी को पकड़ना। इसके लिए पुलिस ने उसके घर और अन्य कई जगह छापे मारे। कई टीमें जांच में जुटीं, लेकिन नतीजा शून्य।
मां के आंसुओं ने कर दिया मजबूर
इस बीच मंगलवार को दोपहर को प्रवीण ने अपनी मां को फोन किया कि मैं भाग गया हूं। मां ने कहा कि ऐसा करना ठीक नहीं होगा। पुलिस परिवार को परेशान कर सकती है, मां की खातिर आत्मसमर्पण कर दे। बस फिर क्या था हजारों पुलिस कर्मियों को छकाकर भागने वाला हत्या का आरोपी मां के आंसुओं के सामने समर्पण के लिए तैयार हो गया।
देर रात बेटे को लेकर पहुंची मां
मां ने पुलिस को फोन करके कहा कि आप मोहल्ले में मेरे बेटे को पकड़ने मत आइएगा, मैं खुद बेटे को लेकर क्राइम ब्रांच पहुंच जाऊंगी। और सच में देर रात मां अपने वादे के मुताबिक बेटे को लेकर क्राइम ब्रांच के आफिस में पहुंच गई और उसका आत्मसमर्पण करवा दिया। जिस सनसनीखेज तरीके से प्रवीण भागा था, उतने ही नाटकीय ढंग से उसका आत्मसमर्पण भी हो गया। लेकिन इस घटना ने गुजरात की सबसे सुरक्षित जेल की सुरक्षा व्यवस्था की धज्जियां उड़ाकर रख दी हैं।
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