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This Article is From Oct 10, 2017

हिमाचल भी महाराष्ट्र-गुजरात की राह पर, पेट्रोल-डीजल से घटाया वैट

हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने मंगलवार को पेट्रोल और डीजल पर मूल्य वर्धित कर (वैट) में एक फीसदी की कमी की है.

हिमाचल भी महाराष्ट्र-गुजरात की राह पर, पेट्रोल-डीजल से घटाया वैट
केंद्र सरकार ने जब पेट्रोल-डीज़ल से एक्साइज ड्यूटी कम की थी तब राज्य सरकारों से वैट कम करने की अपील की थी
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
गुजरात और महाराष्ट्र में पेट्रोल-डीजल पर वैट में 4 फीसदी की कटौती
हिमाचल प्रदेश सरकार ने पेट्रो ईंधन पर घटाया एक फीसदी वैट
राज्य स्तर पर पेट्रोल-डीजल में 50 फीसदी की वृद्धि हो जाती है
नई दिल्ली: ईंधन पर एक्साइज ड्यूटी घटाने के बाद राज्य सरकारों से वैट कम करने की केंद्र सरकार की अपील का असर दिखने लगा है. पहले गुजरात ने पेट्रोल, डीजल से वैट कम किया, उसके बाद महाराष्ट्र और अब हिमाचल प्रदेश ने यह कदम उठाया है.

हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने मंगलवार को पेट्रोल और डीजल पर मूल्य वर्धित कर (वैट) में एक फीसदी की कमी की है. मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की अध्यक्षता में यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया. हिमाचल प्रदेश में पेट्रोल और डीजल पर 27 फीसदी वैट लगता है, जिसमें 1 फीसदी की कटौती की गई है. भाजपा शासित महाराष्ट्र और गुजरात ने वैट में चार फीसदी कमी की घोषणा की है.

यह भी पढ़ें: गुजरात : पेट्रोल, डीजल पर वैट घटाए जाने को कांग्रेस ने बताया चुनावी हथकंडा

ऑल इंडिया पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन के प्रवक्ता अली दारूवाला ने बताया कि इस कमी के बाद महाराष्ट्र में पेट्रोल और डीजल के दाम क्रमश: 2.33 रुपये प्रति लीटर और 1.25 रुपये प्रति लीटर कम हो जाएंगे. हालांकि राज्य द्वारा ज्यादा लगाए गए विभिन्न सेस में छूट नहीं दी गई है.

यह कदम केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली द्वारा सभी राज्यों को पत्र लिखकर पेट्रोलियम पदार्थों पर राज्यस्तरीय कर में कटौती की गुजारिश के बाद उठाया गया है, जिसके कारण स्थानीय स्तर पर कीमतों में बढ़ोतरी होती है.

VIDEO: पेट्रोल-डीज़ल की एक्साइज़ ड्यूटी में 2 रुपये प्रति लीटर की कटौती
मुंबई पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष रवि शिंदे ने कहा कि राज्य में वैट की वर्तमान दर पेट्रोल पर करीब 26 फीसदी और डीजल पर 21 फीसदी है. इसके अलावा कई सेस लगाए जाते हैं, जो कुल नौ रुपये प्रति लीटर है. इसके कारण राज्य स्तर पर पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 50 फीसदी की वृद्धि हो जाती है. वैट में कटौती से महाराष्ट्र सरकार को 2,500 करोड़ रुपये का नुकसान होगा.

गुजरात में वैट में कमी से पेट्रोल की कीमतों में 2.93 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमतों में 2.72 रुपये की कमी आएगी. केंद्र सरकार द्वारा मूल उत्पाद शुल्क में चार अक्टूबर से दो रुपये प्रति लीटर की कमी करने के निर्णय के तुरंत बाद गुजरात सरकार ने वाहन ईंधन की कीमत 60 पैसे घटा दी थी. वैट की कमी के कारण सालाना 2,316 करोड़ रुपये का बोझ सरकारी खजाने पर पड़ेगा. गुजरात सरकार की वाहन ईंधन पर वैट के जरिए सालाना 12,000 करोड़ रुपये की कमाई होती है.

 (इनपुट आईएएनएस से)

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