गुजरात के मोरबी में पुल के गिरने (जिसमें 135 लोगों की मौत हो गई थी) के तीन बाद भी खराब मरम्मत के लिए जिम्मेदार कंपनी के मालिक अभी भी लापता हैं. The Oreva नाम की कंपनी को मार्च महीने में पुल के रखरखाव के लिए 15 साल का कॉन्ट्रेक्ट दिया गया था. मरम्मत करके सात महीने बाद तय समय से पहले ही इस पुल को जनता के लिए खोल दिया गया. मोरबी नगर निकाय ने कथित तौर पर बिना बोली के इस कंपनी को यह कॉन्ट्रेक्ट दिया था.
पुलिस प्राथमिकी पर हादसे में बचे लोगों और विपक्ष सवाल उठा रहे हैं. उनका कहना है कि इसमें कंपनी के शीर्ष अधिकारी और नगर निकाय के अधिकारियों का नाम नहीं है, जिन्होंने कई खामियों के बावजूद इस कॉन्ट्रेक्ट को साइन किया था.
स्थानीय लोगों ने एनडीटीवी को बताया कि Oreva के एमडी जयसुखभाई पटेल इस हादसे के बाद से लापता हैं, उन्होंने दावा किया था कि मरम्मत के बाद यह पुल कम से कम आठ से दस साल चलेगा. अहमदाबाद में कंपनी का फार्महाउस बंद है और वहां एक सुरक्षा गार्ड तक भी नहीं है.
पटेल ने मोरबी नगर निगम और अजंता मैन्युफैक्चरिंग लिमिटेड के साथ कॉन्ट्रेक्ट पर हस्ताक्षर किए थे. अजंता मैन्युफैक्चरिंग लिमिटेड The Oreva का ही हिस्सा है, इस कंपनी को घड़ी निर्माता के तौर पर जाना जाता है. कॉन्ट्रेक्ट में पुल को जनता के लिए खोले जाने से पहले फिटनेस सर्टिफिकेट की जरूरत का भी जिक्र नहीं किया गया था.
कोर्ट में मंगलवार को बताया गया कि पुल की मरम्मत करने वाले ठेकेदार ऐसे काम के लिए योग्य नहीं थे. बताया गया कि, 'इसके बावजूद, इन ठेकेदारों को 2007 में और फिर 2022 में पुल मरम्मत का काम दिया गया था.'
गुजरात पुल की मरम्मत करने वाले ठेकेदारों के पास नहीं थी 'योग्यता' : कोर्ट में बताया गया
पुल का फर्श बदल दिया गया था लेकिन उसके पुराने केबल नहीं बदले गए. अभियोजन पक्ष ने एक फोरेंसिक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि केबल नए फर्श का वजन नहीं सहन कर पाए और टूट गए. फर्श में इस्तेमाल होने वाली चार-परत की एल्यूमीनियम शीट की वजह से पुल का वजन बढ़ गया था, केबल इसे झेल नहीं पाईं.
48 hours after the Morbi tragedy, why is the Gujarat government and the BJP not answering basic questions?
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) November 1, 2022
Why were the owners of the Oreva company and the municipal authorities not named
in the FIR?
विपक्षी दलों और स्थानीय लोगों ने राज्य सरकार पर बड़े लोगों को बचाने और Oreva के सुरक्षा गार्डों, टिकट विक्रेताओं और निचले स्तर के कर्मचारियों को बलि का बकरा बनाने का आरोप लगाया है.
ओरेवा समूह के दो मैनेजर और पुल की मरम्मत करने वाले दो उप ठेकेदारों को शनिवार तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया. गिरफ्तार किए गए सुरक्षा गार्ड और टिकट बुकिंग क्लर्क सहित पांच अन्य लोग न्यायिक हिरासत में हैं.
पुलिस का कहना है कि कंपनी ने 26 अक्टूबर को जनता के लिए पुल खोलने से पहले क्वालिटी चेक नहीं की थी.
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