पीएम मोदी के मोरबी अस्पताल पहुंचने से पहले प्रशासन पूरे हॉस्पिटल में रंगाई पुताई समेत कई अहम चीजों को पहुंचाने की कवायत में जुटा हुआ दिखा. इसी क्रम में अस्पताल में पीएम के दौरे से ठीक पहले चार नए वाटर कूलर भी लगाए गए. लेकिन अधिकारी हड़बड़ी की वजह से इनमें से एक भी कूलर का कनेक्शन नहीं करवा पाए. जिस वजह से कूलर लगाए जाने के बावजूद भी मरीजों को इनसे ठंडा पानी नहीं मिल सका. NDTV ने पीएम के दौरे से पहले अस्पताल में किए जा रही अहम तैयारियों को लेकर एक ग्राउंड रिपोर्ट दिखाई थी. इसी रिपोर्ट में हमने दिखाया था कि अधिकारियों ने पीएम के दौरे से पहले आनन-फानन में वाटर कूलर तो लगा दिया लेकिन उसका कनेक्शन करना ही भूल गए. अब बगैर कनेक्शन वाले इन कूलर का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है.
NDTV की ग्राउंड रिपोर्ट के मुताबिक, पीएम की वीजिट से पहले मोरबी सरकारी अस्पताल में कुछ रोगियों का चयन किया गया, जिन्हें नए सिरे से पेंट किए गए वार्ड में नए बेड पर शिफ्ट किया गया. नए वार्ड में पीने के पानी और साफ-सफाई का खासा ध्यान रखा गया था, ताकि प्रधानमंत्री के सामने अस्पताल की बदहाली को कवरअप किया जा सके.
ग्राउंड फ्लोर पर एक वार्ड खाली था, उसे अच्छी तरह से साफ किया गया है. यहां नए बेडशीट के साथ नए बेड लगाए गए हैं. यहीं पर कुछ घायलों को, जो पहले फर्स्ट फ्लोर पर थे, उन्हें यहां शिफ्ट कर दिया गया है. इनमें से कुछ बेडशीट पर जामनगर के एक अस्पताल की मार्किंग थी, जो मोरबी से महज 160 किमी की दूरी पर है. इससे समझा जा सकता है कि पीएम के दौरे को लेकर मोरबी अस्पताल प्रशासन ने आनन-फानन में कैसे इंतजाम किए हैं, ताकि अस्पताल की बदहाली को ढक सके.
40 पेंटरों ने पूरी रात की अस्पताल की पुताई
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, पीएम के दौरे से पहले सोमवार को कम से कम 40 पेंटर पूरी रात अस्पताल के बाहरी हिस्से की पुताई में लगे रहे. इसके अलावा उन वार्डों के अंदर टच-अप किया, जहां पीएम मोदी पीड़ितों से मिलने वाले थे. टॉयलेट्स में रातोंरात नई टाइल्स भी लगा दी गईं. रविवार को हुई त्रासदी के बाद से अस्पताल में चार नए वाटर कूलर भी लगा दिए गए हैं. पहले जहां नलों में जंग लगा दिखता था, अब उनकी जगह चमचमाते नल दिखते हैं.
अब तक 141 शव बरामद
बता दें कि मोरबी में 30 अक्टूबर की शाम को केबल ब्रिज टूट गया था. हादसे में अब तक 141 शव बरामद हुए हैं. मंगलवार को नेवी और NDRF की टीमें माच्छू नदी में शवों की तलाश में जुटी रही. मोरबी हादसे पर गुजरात में बुधवार को एक दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है. राज्य सरकार ने तय किया है कि इस हादसे में मारे गए लोगों का पोस्टमॉर्टम नहीं किया जाएगा.
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