देश में जारी लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) को लेकर राजनीतिक दलों की तरफ से तमाम दावे होते रहे हैं. इस बीच मुंबई में बोरीवली के गोराई में रहने वाले लगभग 6000 परिवारों ने क्षेत्र में पानी की भारी क़िल्लत के बाद मतदान का बहिष्कार करने की चेतावनी दी है. "पानी नहीं तो वोट नहीं" आंदोलन कर रहे हैं. कहते हैं बीएमसी(BMC) इनके साथ सौतेला व्यवहार करती है. मुंबई के होकर भी उन्हें मुंबईवासियों की सुविधा से वंचित रखा जाता है.
देश के सबसे अमीर शहर मुंबई के बोरिवली के गोराई गांव मच्छिमार और किसानों की अधिकांश जनसंख्या वाला इलाक़ा है. क़रीब छह हज़ार परिवार यहां रहते हैं. लोग यहां बूंद-बूंद के लिए तरस रहे हैं. कहते हैं जब तक पानी नहीं तब तक वोट नहीं डालेंगे. वोट नहीं देंगे, पानी की समस्या आठ-दस साल से है. चार साल से पीने के लिये बिल्कुल भी पानी नहीं. पांच सौ रुपये खर्च करके पानी ख़रीद रहे हैं. हमलोग गरीब लोग हैं. गोराई में चार कुएँ हैं, पानी तो है पर इस गंदे हाल में. कपड़े धुलते हैं. जो पी लेता है वो बीमार हो जाता है.
लोगों ने क्या कहा?
एक स्थानीय निवासी ने कहा कि मुझे किडनी स्टोन पांच बार हुआ है बोतल ख़रीद कर पीता हूं. पांच सौ रुपये में नौ लोगों का परिवार है. बीएमसी के टैंकर आते तो हैं लेकिन मुश्किल से 15-16 परिवार ही पानी भर पाता है बाक़ी महँगे प्राइवेट टैंकर और बाज़ार में बिकने वाले पानी की बोतलों पर निर्भर हैं. बिगड़े हालात में गोराई निवासी “गोराई विलेज वेलफेयर एसोसिएशन” बनाने पर मजबूर हुए, बीएमसी से लेकर नेताओं को चिट्ठी लिख चुके हैं.
अधिकारी ने क्या कहा?
इस वॉर्ड केबीएमसी अधिकारी ने बिना कैमरे पर आये एनडीटीवी को बताया कि एक साल पहले प्रस्तावित इस सेक्शन टैंक परियोजना को जल्द पूरा किया जाएगा. जिससे पानी की समस्या दूर होगी. वैसे साइट की तस्वीर देखें तो इसमें कितना समय जाएगा कहना मुश्किल है. यानी फ़ौरन राहत मिलने की उम्मीद नहीं.
पीयूष गोयल उतरे हैं चुनाव में
मुंबई बारिश के पानी पर निर्भर होता है! सात झीलों से पानी पहुंचता है. इन झीलों में 27% से भी कम पानी बचा है. कई इलाक़ों में मरम्मत के नाम पर पानी कटौती भी जारी है. गोराई ऐसा इलाक़ा है जहां प्रशासन की शायद नज़र ही नहीं पहुंच रही. ये इलाक़ा उत्तर मुंबई लोकसभा सीट में शामिल है. बीजेपी की सेफ़ सीट. दस साल से सिटिंग एमपी गोपाल शेट्टी की जगह केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल पहली बार यहां से चुनाव में उतरे हैं. एक या दो नहीं बल्कि क़रीब आठ से दस सालों से यहां पीने के पानी की समस्या है. गांव वाले शिकायत करते हैं कि यहां पनप रहे नये रिसोर्ट, फ़ार्म हाउस और होटलों तक अवैध तरीक़े से पानी पहुंच रहा है और दशकों से बसे गांववाले बूंद-बूंद को तरस रहे हैं.
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