- उत्तराखंड सरकार दिसंबर से ग्रीन सेस टैक्स लागू कर दूसरे राज्यों से आने वाली गाड़ियों से शुल्क वसूलेगी
- चार पहिया वाहनों पर 80 रुपये, डिलीवरी वैन पर 250 रुपये, और भारी वाहनों पर 120 रुपये टैक्स निर्धारित है
- टैक्स वसूली के लिए फास्टैग का उपयोग होगा तथा यह शुल्क 24 घंटे के लिए ही वैध माना जाएगा
अगर आप दिसंबर या उसके बाद उत्तराखंड जाने की प्लानिंग कर रहे हैं तो आपको अब अपना बजट और बढ़ाने की जरूरत है. दरअसल, हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं कि क्योंकि उत्तराखंड सरकार हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर ही राज्य में ग्रीन सेस टैक्स लगाने की तैयारी कर रही है. ये टैक्स दूसरे राज्यों से उत्तराखंड आने वाली गाड़ियों पर लगाया जाएगा. ऐसे में आपको अब उत्तराखंड में प्रवेश करने और वहां स्टे करने के हिसाब से सरकार को टैक्स देना पड़ेगा. परिवहन विभाग ने ग्रीन सेस टैक्स वसूलने को लेकर एक निजी कंपनी से करार भी किया है. चलिए आज हम आपको बताते हैं कि इस टैक्स के लागू होने के बाद किस गाड़ी से कितना टैक्स वसूला जाएगा और किन वाहनों को इस टैक्स से छूट दी गई है.
किस वाहन से कितना टैक्स वसूला जाएगा:
| वाहन के प्रकार | ग्रीन सेस टैक्स (रुपये प्रति दिन) |
| चार पहिया वाहन | 80 रुपये |
| डिलीवरी वैन | 250 रुपये |
| भारी वाहन | 120 रुपये |
| बस | 140 रुपये |
| ट्रक के साइज के मुताबिक | 140 से 700 रुपये |
परिवहन विभाग ने वाहन के हिसाब से ग्रीन सेस की दरें भी तय कर ली हैं. इन दरों के हिसाब से चार पहिया वाहनों पर 80 रुपये, डिलीवरी वैन से 250 रुपये, भारी वाहनों से 120 रुपये, बस से 140 रुपये और ट्रक के साइज के हिसाब से उनसे 140 से 700 रुपये प्रति दिन के हिसाब से टैक्स वसूला जाएगा. कहा जा रहा है कि कुछ वाहनों को टैक्स से छूट देने की भी योजना है. ऐसे वाहनों में दोपहिया वाहन, इलेक्ट्रिक और सीएनजी वाहन, एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड जैसे वाहन शामिल हो सकते हैं.
कुछ इस तरह होगी सेस की वसूली
उत्तराखंड परिवहन विभाग के अनुसार ग्रीन सेस टैक्स की वसूली के लिए फास्टैग का इस्तेमाल किया जाएगा. यह टैक्स एक बार लिए जाने के बाद 24 घंटे के लिए वैध होगा. अगर कोई गाड़ी उत्तराखंड की सीमा में प्रवेश के बाद 24 घंटे के ज्यादा समय तक वहां रहती है तो उससे दिन के हिसाब से टैक्स की वसूली की जाएगी.
क्यों उठाया गया ये कदम
धामी सरकार का यह कदम राज्य की बिगड़ती वायु गुणवत्ता को बेहतर करने और राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने की नीयत से जुड़ा है. ग्रीन सेस टैक्स का नियम इस साल दिसंबर से लागू हो सकता है.
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