फाइल फोटो
नई दिल्ली:
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने नए टेलीविजन सेट टॉप बॉक्स में एक चिप लगाने का प्रस्ताव दिया है. यह चिप बताएगी कि कौन से चैनल देखे गए और कितनी देर तक देखे गए.
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मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस कदम का उद्देश्य हर एक चैनल के लिए दर्शकों के ‘और विश्वसनीय ’ आंकड़े (व्यूअरशिप डेटा) एकत्र करना है. अधिकारी ने बताया, ‘इससे विज्ञापनदाता और डीएवीपी अपने विज्ञापनों पर सोच - समझकर खर्च कर सकेंगे. केवल उन्हीं चैनलों को प्रचार मिलेगा जिन्हें व्यापक तौर पर देखा जाता है.’
विज्ञापन एवं दृश्य प्रचार निदेशालय (डीएवीपी) विभिन्न मंत्रालयों और इसके संगठनों के विज्ञापन के लिए सरकार की नोडल एजेंसी है. नए प्रस्ताव में, मंत्रालय ने ट्राई से कहा है, ‘प्रस्ताव यह है कि डीटीएच ऑपरेटरों से नए सेट टॉप बॉक्स में चिप लगाने के लिए कहा जाएगा, यह चिप देखे जाने वाले चैनलों और उन्हें देखने की अवधि के बारे में आंकड़े देगी.’
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यह प्रस्ताव नए डायरेक्ट टू होम लाइसेंस से संबंधित कई मुद्दों पर ट्राइ की ओर से दी गई सिफारिशों पर मंत्रालय की प्रतिक्रिया का हिस्सा था. अधिकारी ने बताया कि मंत्रालय को ऐसा लगता है कि दूरदर्शन की व्यूअरशिप को कम करके बताया जाता है और चिप लगाए जाने के बाद चैनल के असल व्यूअरशिप आंकड़ों की जानकारी मिल सकेगी.
इस कदम का उद्देश्य देश में ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल इंडिया (बार्क) के एकाधिकार को खत्म करना है. अधिकारी ने कहा कि बार्क का एक तरह से कोई विकल्प नहीं है. वह यह नहीं बताता है कि व्यूअरशिप के आंकड़े उसने कैसे जुटाए, उसकी प्रक्रिया क्या है और सर्वे का इलाका कौन सा है.
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मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस कदम का उद्देश्य हर एक चैनल के लिए दर्शकों के ‘और विश्वसनीय ’ आंकड़े (व्यूअरशिप डेटा) एकत्र करना है. अधिकारी ने बताया, ‘इससे विज्ञापनदाता और डीएवीपी अपने विज्ञापनों पर सोच - समझकर खर्च कर सकेंगे. केवल उन्हीं चैनलों को प्रचार मिलेगा जिन्हें व्यापक तौर पर देखा जाता है.’
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