बढ़ती महंगाई के इस दौर में खाने-पीने के तेल की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए भारत सरकार ने क्रूड सोयाबीन ऑयल और क्रूड सनफ्लावर सीड ऑयल के 20 लाख मीट्रिक टन तक के आयात को 2 साल के लिए ड्यूटी फ्री कर दिया है. इसके साथ ही, सरकार ने चीनी के निर्यात को मौजूदा शुगर सीजन के दौरान 100 लाख (मैट्रिक) टन सीमित रखने का भी फैसला किया है. महंगाई को नियंत्रित करने की जद्दोजहद में जुटी भारत सरकार ने गेहूं निर्यात पर प्रतिबन्ध और पेट्रोल-डीज़ल पर एक्साइज ड्यूटी में बड़ी कटौती के बाद अब आयात होने वाले खाने-पीने के तेल और देश में चीनी की उपलब्धता बढ़ाने के लिए नए क़दमों का ऐलान किया है.
क्रूड सोयाबीन ऑयल और क्रूड सनफ्लावर सीड ऑयल के 20 लाख मीट्रिक टन तक के आयात को 2 साल के लिए ड्यूटी फ्री कर दिया है. ये फैसला बुधवार से पूरे देश में लागू हो गया हो गया है. बताते चलें कि भारत अपनी जरूरत का करीब 90% सनफ्लॉवर ऑयल यूक्रेन और रूस से आयात करता था. रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से सप्लाई बाधित होने के बाद अब भारतीय कंपनियां और इम्पोर्टर्स सनफ्लॉवर ऑयल के आयात के लिए नए देश और बाजार की तलाश में हैं.
खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने बुधवार को फैसले पर कहा कि "इस फैसले से भारत में सस्ते में अंतराष्ट्रीय बाजार से क्रूड सोयाबीन ऑयल और क्रूड सनफ्लावर सीड ऑयल का आयात संभव हो सकेगा. इससे कीमतों को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी और उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी. इससे पहले सोमवार से ही इंडोनेशिया सरकार ने पाल्म ऑयल के निर्यात पर प्रतिबन्ध हटा लिया था. इसके बाद भारत के कई शहरों में खाने-पीने के तेल की कीमतों ,में मामूली गिरावट दर्ज़ हुई है.
उधर सरकार ने चीनी के तेज़ी से बढ़ते एक्सपोर्ट को नियंत्रित करने के लिए सालाना 100 लाख टन की सीमा तय कर दी है. रणनीति अक्टूबर-नवंबर के दौरान त्योहारों के सीजन में चीनी की डिमांड के मुताबिक पर्याप्त स्टॉक देश में बनाये रखने की है जो शुगर सीजन का सबसे लीन पीरियड भी होता है.
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