सरकार ने 2030 तक देश में सभी परिवारों को पाइपलाइन के जरिये नल से जल मुहैया कराने के लक्ष्य को छह साल पहले ही 2024 में हासिल कर लिये जाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है. जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने सोमवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान बताया कि संयुक्त राष्ट्र ने भारत के लिये 2030 तक सभी घरों को नल से जल मुहैया कराने का लक्ष्य तय किया था. उन्होंने कहा कि सरकार यह काम 2024 तक पूरा कर लेगी. जल संसाधन के संतुलित उपयोग को सुनिश्चित करने के लिये सरकार ने पानी की कमी वाले जिलों की पहचान कर इनमें जलस्तर को बेहतर बनाने, जलशोधन के व्यापक उपाय करने और पानी को रिजार्च करने की पहल की गयी है.
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शेखावत ने बताया कि नीति आयोग की स्ट्रेटजी फॉर न्यू इंडिया एट दर रेट आफ 75 शीर्षक वाली रिपोर्ट के अनुसार पानी की प्रति व्यक्ति उपलब्धता 2001 में 1816 घन मीटर से 2011 में घटकर 1544 घन मीटर हो गयी है. उन्होंने स्पष्ट किया कि जल प्रबंधन के मामले में सरकार राज्यों के साथ मिलकर काम कर रही है. इसके तहत केन्द्र सरकार राज्यों को सभी प्रकार की तकनीकी मदद भी मुहैया करा रही है. पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की एकीकृत प्रबंधन सूचना प्रणाली पर राज्यों द्वारा दी गयी जानकारी के मुताबिक 17,25,808 ग्रामीण बसावटों में से 13,98,292 बसावटों में मौजूदा मानदंडों के अनुसार सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने के लिये ढांचागत अवसंरचना का निर्माण किया जा रहा है.
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एक अन्य सवाल के जवाब में शेखावत ने कहा कि तटीय क्षेत्रों में पेजयल संकट को दूर करने के लिये कुछ तमिलनाडु और पुदुचेरी में समुद्र जल को पेयजल बनाने के सफल प्रयोग हुये हैं. गुजरात में भी ऐसे प्रयोग चल रहे हैं. हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि समुद्र जल को पेयजल बनाने में ऊर्जा की अत्यधिक खपत को देखते हुये कम ऊर्जा व्यय वाली तकनीक की खोज पर काम जारी है. नदी जोड़ परियोजना के बारे में शेखावत ने कहा कि देश की विभिन्न नदियों को जोड़ने के लिये 17 लिंक चिन्हित किये गये हैं. इन पर काम शुरु करने के लिये राज्य सरकारों के साथ सहमति कायम की जा रही है. (इनपुट भाषा से)
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