रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने सशस्त्र बलों को आश्वस्त किया कि उन्हें सभी बकाये एवं सुविधाएं मुहैया कराने की कोशिशों में कोई कमी नहीं रहेगी. निर्मला ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार रक्षा मंत्रालय ने थलसेना के साथ विचार-विमर्श कर योजनाबद्ध तरीके से भारतीय थलसेना में सुधार का फैसला किया है. रक्षा मंत्री ने कहा कि सुधार के पहले चरण के तहत अधिकारियों, जूनियर कमीशंड अधिकारियों (जेसीओ), अन्य रैंकों (ओआर) एवं असैन्य कर्मियों के करीब 57,000 पदों में थोड़ा फेरबदल और पुनर्गठन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सभी उपलब्ध धनराशि का अधिकतम इस्तेमाल किया जा रहा है ताकि जरूरी चीजों की कोई कमी नहीं रहने पाए.
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72वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर सशस्त्र बलों के लिए अपने संबोधन में रक्षा मंत्री ने कहा कि रक्षा मंत्रालय से हमारा प्रयास होगा कि देश की रक्षा करने वाले और देशवासियों के लिए शांति एवं समृद्धि सुनिश्चित करने वाले हमारे बहादुर सैनिकों को सभी बकाये और सारी सुविधाएं दी जाए. मैं आपको आश्वस्त करना चाहती हूं कि इस प्रयास में कोई कमी नहीं रहेगी. गौरतलब है कि सरकार ने 2015 में सरकार ने सैनिकों के लिए वन रैंक वन पेंशन को लेकर नोटिफिकिशन जारी की थी. इसके मुताबिक पेंशन 1 जुलाई 2014 से लागू होगी.
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अगर एक रैंक और एक सेवा अवधि हो तो पेंशन 2013 में रिटायर हुए सैनिकों के मुताबिक होगी. जिस पूर्व सैन्य कर्मी को औसत से अधिक पेंशन मिल रही है तो उसे बनाए रखा जाएगा. बकाया ( एरियर्स ) छह छह महीने में चार किस्तों में दिया जाएगा. लेकिन सैनिक के आश्रित परिवार, बहादुरी पुरस्कार से सम्मानित को एक ही किस्त में बकाया राशि दी जाएगी.
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भविष्य में पेंशन की समीक्षा हर पांच साल में की जाएगी. समय से पहले रिटायरमेंट लेने वालों को ओआरओपी का लाभ मिलेगा लेकिन अधिसूचना जारी हो जाने के बाद से, यानि 7 नवंबर 2015 से पहले रिटायरमेंट लेने वाले को इसका फायदा नहीं मिलेगा. (इनपुट भाषा से)
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