
'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता के बाद, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत INS विक्रांत पर पहुंचे. यहां उन्होंने जवानों से मुलाकात की और 'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता पर बधाई भी दी. भारत की समुद्री ताकत और रणनीतिक क्षमताओं ने एक बार फिर अपना लोहा मनवाया है. ये युद्धपोत 30 से अधिक लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर ले जाने की क्षमता रखता है. मिग-29K, कामोव हेलीकॉप्टर और स्वदेशी ALH इसकी हवाई ताकत का हिस्सा हैं.
रक्षा मंत्री गोवा में नौसेना के विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर नौसेनिकों से मिले. पहलगाम आतंकी हमला होने के 96 घंटे के भीतर ही नौसेना की तैनाती हो गई थी. खासकर अरब सागर में तो नौसेना का पूरा करियर बैटल ग्रुप आक्रमक नज़र आया था.
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान विमानवाहक पोत से लेकर युद्धपोत, पनडुब्बी और लड़ाकू विमान तक ने पाकिस्तानी नौसेना को अपने बंदरगाह में ही रहने को मजबूर कर दिया था. बस सरकार का इशारा मिलते ही नौसेना कराची समेत किसी भी चुनिंदा लक्ष्य पर हमला करने को पूरी तरह तैयार थी. ऑपेरशन सिंदूर को लेकर दिल्ली में हो रहे प्रेस कॉन्फ्रेंस में नौसेना के डीजी ऑपेरशन वाइस एडमिरल ए. एन. प्रमोद ने कहा था कि यह बात पाकिस्तानी नौसेना जानती थी कि अगर उसने कोई कार्रवाई करने की हिम्मत की, तो उसे पता था कि हम क्या करने जा रहे है?
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के जवाब में 6-7 मई की दरम्यानी रात को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया गया था. इस ऑपरेशन के तहत ही, पाकिस्तान के हमलों के बाद सारी जवाबी कार्रवाई की गई थी.
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