केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने एक बार फिर प्रदर्शनकारी पहलवानों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया है. उन्होंने कहा कि भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान अध्यक्ष एवं भारतीय जनता पार्टी के सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों द्वारा लगाये गये यौन उत्पीड़न के आरोपों की निष्पक्ष जांच की जाएगी. उधर, बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के सिलसिले में उनके सहयोगियों और उत्तर प्रदेश के गोंडा में उनके आवास पर काम करने वाले लोगों के बयान दर्ज किए हैं.
प्रदर्शनकारी पहलवानों में से साक्षी और बजरंग ने तीन जून की रात गृहमंत्री अमित शाह से लंबी मुलाकात की थी. इसके बाद ही कुछ पहलवानों ने अपनी सरकारी नौकरी ज्वॉइन करने की घोषणा की थी. अनुराग ठाकुर का बयान इस मुलाकात के बाद आया है. हालांकि, बता दें कि इससे पहले भी अनुराग ठाकुर, प्रदर्शनकारी पहलवानों से मुलाकात कर चुके हैं. उन्होंने ट्वीट कर कहा, "सरकार पहलवानों से उनके मुद्दों पर चर्चा करने को तैयार है. मैंने एक बार फिर पहलवानों को इसके लिए आमंत्रित किया है."
The government is willing to have a discussion with the wrestlers on their issues.
— Anurag Thakur (@ianuragthakur) June 6, 2023
I have once again invited the wrestlers for the same.
बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग कर रहे पहलवानों के विरोध के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने कहा कि वह पहले ही कह चुके हैं कि खेल और खिलाड़ी सरकार की प्राथमिकता हैं. केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘सरकार (सिंह के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए) पहले ही एक समिति का गठन कर चुकी है. पुलिस प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच कर रही है. आरोप पत्र भी दायर किया जाएगा और निष्पक्ष जांच की जाएगी."
इधर दिल्ली पुलिस भी इस मामले की जांच करने में जुटी हुई है. पुलिस ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के सिलसिले में उनके सहयोगियों और उत्तर प्रदेश के गोंडा में उनके आवास पर काम करने वाले लोगों के बयान दर्ज किए हैं. अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी.
बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने 28 अप्रैल को कनॉट प्लेस पुलिस थाने में दो प्राथमिकी दर्ज की थीं, जिसमें एक में नाबालिग पहलवान के पिता द्वारा दी गई शिकायत पर बच्चों को यौन शोषण से संरक्षण दिलाने वाला पॉक्सो अधिनियम लगाया गया था, जिसमें दोषी पाए जाने पर सात साल तक की जेल की सजा होती है.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दर्ज की गई प्राथमिकी में सिंह पर भादंवि की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाया गया है, जिसमें एक महिला की लज्जा भंग करने के लिए उस पर हमला करना (धारा 354), यौन उत्पीड़न (354 ए), पीछा करना (354 डी) शामिल है, जो दो-तीन साल की जेल की सजा के साथ दंडनीय है. कुछ शिकायतकर्ताओं ने यह भी आरोप लगाया कि सिंह ने उनके करियर में मदद करने का वादा करके “यौन फायदा” उठाने का प्रयास किया.
बृजभूषण शरण सिंह ने सभी आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि अगर उनके खिलाफ एक भी आरोप साबित हो जाता है तो भी वह फांसी लगा लेंगे. उन्होंने यह भी कहा है कि सभी पहलवान उनके बच्चों की तरह हैं और वह उन्हें दोष नहीं देंगे, क्योंकि उनकी सफलता में उनका खून-पसीना भी शामिल है.
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