समलैंगिक विवाह मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है. केंद्र सरकार बिना मान्यता के समलैंगिकों की समस्याओं पर विचार को तैयार है और प्रशासनिक स्तर पर एक कमेटी बनाने को तैयार हैं. SG तुषार मेहता ने कहा, सरकार समलैंगिकों की समस्याओं पर पॉजिटिव है. कैबिनेट सचिव स्तर के अफसरों की कमेटी बनाने को तैयार हैं. समलैंगिक लोगों की समस्याओं को उनके सामने रखा जा सकता है.
समस्याओं पर विचार के लिए कमेटी के गठन को तैयार
तुषार मेहता ने कहा कि LGBTQIA+ समुदाय के दैनिक जीवन में आने वाली समस्याओं को कम करने के लिए सुझावों की जांच करने के लिए केंद्र केंद्रीय कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने पर सहमत है. याचिकाकर्ता उन्हें समिति को विचार करने के लिए सुझाव दे सकते हैं. याचिकाकर्ता की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी - इस मामले के कुछ कानूनी पहलू भी हैं, सिर्फ प्रशासनिक स्तर पर हल नहीं निकल सकता. अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि विवाह का सिद्धांत कानूनी पहलू है, जो अदालत के क्षेत्राधिकार में है.
युवा की इच्छा नहीं, संविधान की इच्छा से फैसला : CJI
याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट से समलैंगिक विवाह को मान्यता देने की मांग की. मेनका गुरुस्वामी ने कहा कि युवा लोग खासतौर पर छोटे शहरों व गांवों में लोग चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट समलैंगिक शादी को मान्यता दे. याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट से समलैंगिक विवाह को मान्यता देने की मांग की मेनका गुरुस्वामी ने कहा कि युवा लोग खासतौर पर छोटे शहरों व गांवों में लोग चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट समलैंगिक शादी को मान्यता दें. CJI ने कहा कि हमें इस पर विचार कर फैसला नहीं देना कि युवा लोग अदालत से क्या चाहते हैं. हमें ये विचार कर फैसला देना है कि संविधान की इच्छा क्या है, इसलिए आपकी दलीलों में दिक्कत है.
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