सिब्बल ने कहा कि दिल्ली में कानून व्यवस्था बिगड़ने की आशंका थी। बाबा ने अपने राजनीतिक आसनों के लिए 50,000 लोगों की भीड़ जुटा ली थी।
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New Delhi:
सरकार ने बाबा रामदेव के अनशन को खत्म करने की पुलिस कार्रवाई को जायज ठहराते हुए कहा कि योगगुरु ने रामलीला मैदान में आयोजन करने की अनुमति लिए जाने के दौरान किया वादा तोड़ा और यहां तक कि वह अपने आश्वासनों से भी पलट गए। बीते कुछ दिनों से रामदेव के साथ बातचीत कर रहे मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने यहां संवाददाताओं से कहा कि दिल्ली में कानून व्यवस्था से जुड़ी स्थिति बिगड़ने की आशंका थी। रामदेव ने अपने राजनीतिक आसनों के लिए 50,000 लोगों की भीड़ जुटा ली थी, जबकि उन्होंने रामलीला मैदान पर योग शिविर लगाने के लिये सिर्फ पांच हजार लोगों को इकट्ठा करने की बात कही थी। रामदेव ने यहां संवाददाताओं से कहा, वह मंच योग कराने के लिए नहीं था, बल्कि वह राजनीतिक मंच बन गया था। दिल्ली में कानून व्यवस्था कायम रखना जरूरी थी। हम इसमें कोई अवरोध नहीं चाहते थे। एक सवाल पर उन्होंने कहा कि पुलिस कार्रवाई पर पार्टी और सरकार एकमत है। मंत्री ने कहा, इस तरह की कोई भी कार्रवाई सरकार और पार्टी के बीच 100 फीसदी एकता के बिना नहीं हो सकती। उन्होंने भाजपा के इन आरोपों का खंडन कर दिया कि यह कड़ी कार्रवाई आपातकाल की याद दिलाती है।