नई दिल्ली:
एयरहोस्टेस गीतिका शर्मा आत्महत्या मामले में आरोपी हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल गोयल कांडा की अग्रिम जमानत याचिका का विरोध करते हुए पुलिस ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया है कि गीतिका जब दुबई की एक एयरलाइन कंपनी में नौकरी करने लगी थी, तब उसे नौकरी छोड़ देने के लिए मजबूर करने कांडा खुद दुबई गया था।
पुलिस ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में पहले ही गिरफ्तार की जा चुकी कांडा की एक अन्य कर्मचारी अरुणा चड्ढा भी उसके साथ दुबई गई थी। गीतिका के परिवार का आरोप है कि गीतिका जिन दिनों कांडा के लिए काम नहीं कर रही थी, तब भी कांडा उसे परेशान करता रहता था, और उसी ने उसकी (गीतिका की) नौकरी छुड़वाई।
जब गीतिका हिन्दुस्तान लौटने और कांडा की कंपनी में नौकरी करने के लिए राजी हो गई, तब भी उसके एग्रीमेंट (कॉन्ट्रेक्ट) में एक अजीब शर्त रखी गई थी। कॉन्ट्रेक्ट के मुताबिक तय किया गया था कि गीतिका को रोज़ ही काम खत्म होने के बाद कांडा से मिलने जाना होगा। पुलिस ने आरोप लगाया है कि कांडा और अरुणा ने यह जानकारी छिपाई कि गीतिका शर्मा 30 मार्च, 2009 से 20 अक्टूबर, 2010 के बीच कांडा की कंपनी एमडीएलआर होटल्स की को-ऑर्डिनेटर के तौर पर काम करती रही थी, और उसे रोज़ कांडा से मुलाकात के बाद ही घर जाना होता था।
गौरतलब है कि गिरफ्तारी से बचने के लिए छह दिन से लापता चल रहे कांडा पर 23-वर्षीय गीतिका को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है और गोपाल कांडा ने अग्रिम जमानत के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने फरार चल रहे कांडा की अग्रिम जमानत की याचिका पर आज अपना फैसला सुरक्षित रखा लिया है। इससे पहले, 9 अगस्त को निचली अदालत में कांडा की अग्रिम जमानत की अर्जी ठुकराई जा चुकी है।
इससे पहले खबर आई थी कि कांडा सोमवार को अदालत में सरेंडर कर सकता है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब सबकी नजरें आज की सुनवाई पर टिकी हैं। कांडा के वकील के मुताबिक गीतिका अंतिसंवेदनशील थी और वह अपने काम और निजी जीवन में संतुलन नहीं रख पाई। इसके लिए कांडा को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।
पुलिस ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में पहले ही गिरफ्तार की जा चुकी कांडा की एक अन्य कर्मचारी अरुणा चड्ढा भी उसके साथ दुबई गई थी। गीतिका के परिवार का आरोप है कि गीतिका जिन दिनों कांडा के लिए काम नहीं कर रही थी, तब भी कांडा उसे परेशान करता रहता था, और उसी ने उसकी (गीतिका की) नौकरी छुड़वाई।
जब गीतिका हिन्दुस्तान लौटने और कांडा की कंपनी में नौकरी करने के लिए राजी हो गई, तब भी उसके एग्रीमेंट (कॉन्ट्रेक्ट) में एक अजीब शर्त रखी गई थी। कॉन्ट्रेक्ट के मुताबिक तय किया गया था कि गीतिका को रोज़ ही काम खत्म होने के बाद कांडा से मिलने जाना होगा। पुलिस ने आरोप लगाया है कि कांडा और अरुणा ने यह जानकारी छिपाई कि गीतिका शर्मा 30 मार्च, 2009 से 20 अक्टूबर, 2010 के बीच कांडा की कंपनी एमडीएलआर होटल्स की को-ऑर्डिनेटर के तौर पर काम करती रही थी, और उसे रोज़ कांडा से मुलाकात के बाद ही घर जाना होता था।
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यह भी पढ़ें : गीतिका के कॉन्ट्रेक्ट में शर्त थी, रोज़ शाम कांडा से मिलना होगा...
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गौरतलब है कि गिरफ्तारी से बचने के लिए छह दिन से लापता चल रहे कांडा पर 23-वर्षीय गीतिका को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है और गोपाल कांडा ने अग्रिम जमानत के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने फरार चल रहे कांडा की अग्रिम जमानत की याचिका पर आज अपना फैसला सुरक्षित रखा लिया है। इससे पहले, 9 अगस्त को निचली अदालत में कांडा की अग्रिम जमानत की अर्जी ठुकराई जा चुकी है।
इससे पहले खबर आई थी कि कांडा सोमवार को अदालत में सरेंडर कर सकता है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब सबकी नजरें आज की सुनवाई पर टिकी हैं। कांडा के वकील के मुताबिक गीतिका अंतिसंवेदनशील थी और वह अपने काम और निजी जीवन में संतुलन नहीं रख पाई। इसके लिए कांडा को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।
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