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This Article is From Sep 26, 2022

गुलाम नबी आजाद ने नए दल का किया ऐलान, 'डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी' रखा नाम

गुलाम नबी आजाद ने डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी के झंडे को दिखाते हुए उसके रंगों और उसके अर्थ को भी स्पष्ट किया.

गुलाम नबी आजाद ने नए दल का किया ऐलान, 'डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी' रखा नाम
जम्मू में गुलाम नबी आजाद ने अपने नए दल डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी के झंडे का अनावरण किया.
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
आजाद ने बताया कि, नई पार्टी के लिए लगभग 1,500 नामों के सुझाव मिले थे
आजाद ने कांग्रेस छोड़ने के एक माह बाद अपनी पार्टी का नाम घोषित किया
गुलाम नबी आजाद 27 सितंबर को श्रीनगर का दौरा कर सकते हैं
नई दिल्ली:

हाल ही में कांग्रेस छोड़ने वाले जम्मू-कश्मीर के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने आज जम्मू में अपनी नए दल के नाम की घोषणा कर दी है. उन्होंने अपने दल का नाम  'डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी' (Democratic Azad Party) घोषित किया. आजाद ने पार्टी के झंडे का अनावरण भी किया. गुलाम नबी आजाद ने कहा कि, मेरी नई पार्टी के लिए लगभग 1,500 नाम हमें उर्दू, संस्कृत में भेजे गए थे. हिन्दी और उर्दू का मिश्रण 'हिन्दुस्तानी' है. हम चाहते थे कि नाम लोकतांत्रिक, शांतिपूर्ण और स्वतंत्र हो. 

गुलाम नबी आजाद ने गत 26 अगस्त को इस्तीफा देकर कांग्रेस से दशकों पुराना नाता तोड़ लिया था. इसके ठीक एक माह बाद उन्होंने अपनी नई पार्टी के नाम की घोषणा की है.  

गुलाम नबी आजाद ने पार्टी के झंडे को दिखाते हुए कहा कि, "सरसों का रंग रचनात्मकता और विविधता में एकता को इंगित करता है, सफेद शांति को इंगित करता है और नीला स्वतंत्रता, खुली जगह, कल्पना और समुद्र की गहराई से आकाश की ऊंचाइयों तक की सीमाओं को इंगित करता है."

कांग्रेस के पांच दशक से अधिक समय तक सदस्य रहे वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद कल दिल्ली से जम्मू पहुंचे थे. आजाद ने कल संवाददाताओं से कहा था कि, ‘‘मैं अपने दल की शुरुआत करने से पहले कल (सोमवार को) मीडिया को आमंत्रित करने जा रहा हूं. मैं यहां कार्यकर्ताओं और नेताओं से मिलने आया हूं.'' सूत्रों के अनुसार गुलाम नबी आजाद 27 सितंबर को श्रीनगर का दौरा करेंगे.

वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने 26 अगस्त को कांग्रेस के सभी पदों और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. आजाद काफी लंबे समय से नाराज चल रहे थे. इस्तीफा देने के साथ आजाद ने इस संबंध में सोनिया गांधी को चिट्ठी भी लिखी थी. उन्होंने उसमें राहुल गांधी पर हमला बोला था. उन्होंने खत में राहुल पर बचकाना व्यवहार करने का आरोप लगाया था और कांग्रेस की 'खस्ता हालात' और 2014 में लोकसभा चुनाव में हार के लिए राहुल गांधी को जिम्मेदार ठहराया था. सोनिया गांधी को लिखी गई 5 पेज की चिट्ठी में गुलाम नबी आजाद ने लिखा था, जनवरी 2013 में राहुल गांधी को आपके द्वारा कांग्रेस उपाध्यक्ष बनाया गया, उसके बाद पार्टी में मौजूद सलाह-मशविरे के सिस्टम को उन्होंने खत्म कर दिया. सभी वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं को साइडलाइन कर दिया गया और बिना अनुभव वाले चाटुकारों की मंडली पार्टी को चलाने लगी.

इससे पहले गुलाम नबी आजाद ने जम्मू-कश्मीर कांग्रेस की प्रचार समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्हें उसी दिन इस पद पर नियुक्त किया गया था. उन्होंने जम्मू-कश्मीर में पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति के सदस्यता से भी त्यागपत्र दे दिया था. वह कांग्रेस के नाराज नेताओं के जी 23 गुट में शामिल थे. जी -23 गुट कांग्रेस में लगातार बदलाव की मांग करता रहा है. इससे पहले कांग्रेस के नेता कपिल सिबब्ल ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. उन्हें सपा ने राज्यसभा भी भेजा है. 

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