घाटकोपर होर्डिंग हादसे (Ghatkopar Accident) में मृत मनोज चंसोरिया मुंबई एअर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) के पूर्व जीएम थे. इसी साल मार्च में वो रिटायर हुए थे. जानकारी के मुताबिक मनोज चंसोरिया अपनी पत्नी अनिता के साथ वीजा के काम से मुंबई आए थे. दोनों काम खत्म होने के बाद सोमवार को वापस जबलपुर जा रहे थे तब घाटकोपर के पास पेट्रोल भरवाने के लिए पंप पर रुक गए थे. उसी वक्त आई तेज आंधी तूफान में विशाल होर्डिंग गिर गई और सभी के साथ वो भी दब गए.
मनोज के करीबियों के मुताबिक विदेश में रह रहे बेटे ने जब अपने माता पिता को फोन किया तो उसे कोई जवाब नहीं मिला. इसके बाद अपने एक दोस्त की मदद से उसने मुंबई के पुलिस थाने में मिसिंग रिपोर्ट दर्ज कराई. पुलिस ने जब आखिरी लोकेशन ट्रेस की तो घाटकोपर हादसे की जगह थी. जिसके बाद कल उनके रिश्तेदार और एटीसी के अधिकारी और कर्मचारी दिन भर घाटकोपर में दोनो के मलबे से निकाले जाने का इंतजार करते रहे. आखिर रात 12 बजे के करीब दोनों का शव उनकी लाल कार से निकाला जा सका.
तेज़ आंधी से गिरा था होर्डिंग
सोमवार शाम को मुंबई में आई तेज़ आंधी के कारण 100 फीट ऊंचा और 250 टन वजन का होर्डिंग नीचे गिर गया था और इसके नीचे कई कार और टू-व्हीलर्स दब गए थे. अधिकारी ने बताया कि राहत-बचाव दल ने अब तक होर्डिंग के नीचे दबे हुए 89 लोगों को बाहर निकाला है. इनमें से 16 लोगों की मौत हो गई है.
अब तक क्यों नहीं हटाया गया है होर्डिंग
होर्डिंग का वजन इतना अधिक था कि इसे बिना मशीन और गैस कटर के इस्तेमाल के हटाया नहीं जा सकता है. राहत और बचाव कार्य में लगे अधिकारियों का कहना है कि पेट्रोल पंप में अंडरग्राउंड फ्यूल स्टोरेज टैंक होने के कारण आग लगने की संभावना है. इसलिए हम गैस कटर का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं. गैस कटर के प्रयोग नहीं करने के कारण मलबा हटाने में परेशानी हो रही है और समय भी लग रहा है.
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