नई दिल्ली:
नए सेनाध्यक्ष बिक्रम सिंह ने कहा है कि जो हो गया सो गया अब आगे की सोचने का वक्त है। पुरानी बातों को भूलकर सेना आगे काम करेगी।
गौरतलब है कि जनरल बिक्रम सिंह ने गुरुवार को 25वें सैन्य प्रमुख के रूप में अपना पदभार संभाल लिया। जनरल बिक्रम सिंह ने जनरल वीके सिंह का स्थान लिया, जिनका सैन्य प्रमुख के रूप में 26 माह का कार्यकाल विवादों से भरा रहा।
सेनाध्यक्ष के रूप में 59 वर्षीय जनरल बिक्रम सिंह का कार्यकाल दो वर्ष और तीन महीने के लिए होगा। सेनाध्यक्ष के रूप में नियुक्ति से पहले जनरल बिक्रम सिंह कोलकाता आधारित सेना की पूर्वी कमान की कमान संभाल रहे थे।
जनरल बिक्रम सिंह ने आतंकवाद निरोधक अभियान वाले क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। इसमें श्रीनगर स्थित 15 कोर के कोर कमांडर और अखनूर स्थित 10वीं डिविजन का मेजर जनरल पद शामिल है। अधिकारी अपने मित्रों के बीच ‘बिक्की’ नाम से मशहूर हैं। उन्होंने प्रतिष्ठित भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) से निकलने के बाद सिख लाइट इंफेंट्री रेजीमेंट में 31 मार्च, 1972 को कमीशन प्राप्त किया।
आईएमए में उन्हें ‘रणनीति एवं नेतृत्व’ के लिए जम्मू-कश्मीर राइफल्स स्वर्ण पदक एवं श्रीगणेश ट्राफी प्रदान की गई। इंफेंट्री स्कूल में युवा अधिकारी के रूप में प्रशिक्षण के दौरान उन्हें ‘कमांडो डैगर‘ और ‘बेस्ट इन टैकटिक्स’ ट्रॉफी भी प्रदान की गई।
गौरतलब है कि जनरल बिक्रम सिंह ने गुरुवार को 25वें सैन्य प्रमुख के रूप में अपना पदभार संभाल लिया। जनरल बिक्रम सिंह ने जनरल वीके सिंह का स्थान लिया, जिनका सैन्य प्रमुख के रूप में 26 माह का कार्यकाल विवादों से भरा रहा।
सेनाध्यक्ष के रूप में 59 वर्षीय जनरल बिक्रम सिंह का कार्यकाल दो वर्ष और तीन महीने के लिए होगा। सेनाध्यक्ष के रूप में नियुक्ति से पहले जनरल बिक्रम सिंह कोलकाता आधारित सेना की पूर्वी कमान की कमान संभाल रहे थे।
जनरल बिक्रम सिंह ने आतंकवाद निरोधक अभियान वाले क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। इसमें श्रीनगर स्थित 15 कोर के कोर कमांडर और अखनूर स्थित 10वीं डिविजन का मेजर जनरल पद शामिल है। अधिकारी अपने मित्रों के बीच ‘बिक्की’ नाम से मशहूर हैं। उन्होंने प्रतिष्ठित भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) से निकलने के बाद सिख लाइट इंफेंट्री रेजीमेंट में 31 मार्च, 1972 को कमीशन प्राप्त किया।
आईएमए में उन्हें ‘रणनीति एवं नेतृत्व’ के लिए जम्मू-कश्मीर राइफल्स स्वर्ण पदक एवं श्रीगणेश ट्राफी प्रदान की गई। इंफेंट्री स्कूल में युवा अधिकारी के रूप में प्रशिक्षण के दौरान उन्हें ‘कमांडो डैगर‘ और ‘बेस्ट इन टैकटिक्स’ ट्रॉफी भी प्रदान की गई।
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