
- केदारनाथ रोपवे की कुल लंबाई 12.9 किलोमीटर की होगी, जो सोनप्रयाग से बाबा केदारनाथ को जोड़ेगा.
- केदारनाथ धाम की यात्रा का समय घटकर 36 मिनट रह जाएगा. ट्रॉली में बैठेंगे 35 लोग, हर घंटे 1800 लोग करेंगे सफर.
- केदारनाथ रोपवे सेवा अगले छह साल में शुरू हो जाएगी.
"केदारनाथ धाम की कठिन चढ़ाई अब आसान होगी."
अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने बुधवार को सोशल मीडिया पर यह जानकारी साझा की. उन्होंने इसके बाद लिखा, अदाणी ग्रुप श्रद्धालुओं की यात्रा को सरल और सुरक्षित बनाने के लिए यह रोपवे बना रहा है. इस पुण्य कार्य का हिस्सा बनना हमारे लिए गर्व की बात है." इसके साथ ही गौतम अदाणी ने एक वीडियो भी साझा किया जिसमें इस रोपवे से जुड़ी बातें बताई गई हैं.
केदारनाथ धाम की कठिन चढ़ाई अब आसान होगी।
— Gautam Adani (@gautam_adani) October 15, 2025
अदाणी समूह श्रद्धालुओं की यात्रा को सरल और सुरक्षित बनाने के लिए यह रोपवे बना रहा है।
इस पुण्य कार्य का हिस्सा बनना हमारे लिए गर्व की बात है।
महादेव सब पर अपनी कृपा बनाए रखें।
जय बाबा केदारनाथ!#Adani pic.twitter.com/9f3VIGAWt6

केवल 36 मिनट में पहुंचेंगे केदारनाथ धाम
दो मिनट के इस वीडियो में बताया गया है कि रोपवे की कुल लंबाई 12.9 किलोमीटर की होगी जो सोनप्रयाग से केदारनाथ को जोड़ेगा. इसके साथ ही इस कठिन यात्रा का समय 8-9 घंटे से घटकर सिर्फ 36 मिनट रह जाएगा.

हर घंटे 1800 तीर्थयात्री करेंगे सफर
रोपवे से हर घंटे 1800 यात्री दोनों दिशा में यात्रा कर सकेंगे. इस रोपवे की ट्रॉली में 35 लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी. यह भारत का पहला थ्रीएस (ट्राइकेबल) रोपवे बनेगा. ये दुनिया की सबसे सुरक्षित और अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित होगा. इस वीडियो में बताया गया है कि यह रोपवे समय बचाएगा और सुरक्षित और सुगम यात्रा की सुविधा देगा. इसमें बुजुर्ग और बच्चे आसानी से यात्रा कर सकेंगे और इससे पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा.
6 साल में तैयार हो जाएगा रोपवे
यह रोपवे राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम 'पर्वतमाला परियोजना' का हिस्सा है. इस प्रतिष्ठित रोपवे योजना को आधिकारिक तौर पर सितंबर के महीने में अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल) को राष्ट्रीय राजमार्ग लॉजिस्टिक प्रबंधन लिमिटेड ने दिया था. पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप पर आधारित यह परियोजना छह साल में पूरी होगी. रोवपे शुरू होने के बाद अदाणी ग्रुप अगले 29 साल के लिए इसका परिचालन करेगा.
रोजगार और पर्यटन को बढ़ावा
इस परियोजना से न केवल बाबा केदारनाथ तक की यात्रा सुगम और कम समय में पूरी होगी बल्कि इससे स्थानीय रोजगार और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा. अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने कहा है कि यह परियोजना आस्था और आधुनिक बुनियादी ढांचों के बीच एक सेतु का काम करेगा.
अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने कहा, "इस पवित्र यात्रा (तीर्थयात्रा) को सुरक्षित, तेज और अधिक सुगम बनाकर, हम लाखों लोगों की आस्था का सम्मान करते हैं. साथ ही, NHLML और उत्तराखंड सरकार के साथ अपनी साझेदारी के जरिए हम उत्तराखंड के लोगों के लिए नए अवसर भी पैदा कर रहे हैं. यह प्रतिष्ठित परियोजना एक ऐसे बुनियादी ढांचे के निर्माण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है जो न केवल राष्ट्र की सेवा करता है, बल्कि इसके लोगों का भी उत्थान करता है."
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