नई दिल्ली: गणतंत्र के स्पेशल 26 (Gantantra ke Special 26) में बात आज भारतीय समुद्र के रक्षक कोस्ट गार्ड की, जो देश की लाखों मील की समुद्री सीमा पर तैनात रह कर चुपचाप अपनी जिम्मेदारी निभाता है. ये हैं कोस्टगार्ड जो गणतंत्र दिवस की परेड में दिखेंग. कोस्टगार्ड या तट रक्षक बल इसकी तैयारी में जुटे हैं और इसमें उनका कठोर अनुशासन और अभ्यास दिखता है.
भारतीय समुद्र के रक्षक कोस्ट गार्ड पर 46 लाख वर्ग किलोमीटर की समुद्री सरहद की सुरक्षा की जिम्मेदारी है. 20 लाख वर्ग किलोमीटर एक्सक्लूसिव इकोनामिक जोन की सुरक्षा करना भी इनका दायित्व है. कोस्ट गार्डस का आदर्श वाक्य है- वयम् रक्षाम:- यानी हम रक्षा करते हैं.
कोस्ट गार्ड्स की स्थापना एक फरवरी 1977 को हुई थी, जब 70 के दशक में समुद्र से होने वाली तस्करी देश की अर्थव्यवस्था के लिए चुनौती बन रही थी. तब समुद्री सीमाओं की सुरक्षा करने और वहां होने वाली अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए कोस्ट गार्ड का गठन हुआ.
मछुआरों की मदद करते हैं कोस्ट गार्ड
आज भी कोस्ट गार्ड समुद्र तटों पर कड़ी नज़र रखते हैं. आतंकी गतिविधियों से लेकर ड्रग्स के कारोबार तक के खिलाफ समुद्र में एक दीवार बना देते हैं. लेकिन कोस्ट गार्ड की भूमिका मदद की भी है. वे मछुआरों की मदद करते हैं, अवैध शिकारियों को भी पकड़ते हैं. उनकी एक अहम भूमिका समुद्र की जैव विविधता बचाए रखने में है.
कोस्ट गार्ड के पास 52 जहाज और 78 विमान
कोस्ट गार्ड्स समुद्र में किसी भी तरह के खतरे के खिलाफ सबसे तेजी से सक्रिय होते हैं. भारतीय तटरक्षक बल दुनिया का चौथा सबसे बड़ा तटरक्षक बल है. फिलहाल इसके पास 152 जहाज और 78 विमान हैं. इस तटरक्षक बल ने अब तक इस बल ने 11,516 लोगों को जान बचाई है. यानी अपने स्थापना के हर दूसरे दिन इसने एक आदमी की जान बचाई है. अपनी देश की लंबी तट रेखा और समुद्री हितों की रक्षा करने के लिए कोस्ट गार्ड पूरी तरह प्रतिबद्ध है. भविष्य की चुनौतियों के मद्देनजर उनकी क्षमता में लगातार इजाफा किया जा रहा है.
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