मायावती... (फाइल फोटो)
बुलंदशहर:
बुलंदशहर हाइवे गैंगरेप मामले में तीनों आरोपियों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. इन तीनों को रविवार को गिरफ्तार किया गया था, पीड़ितों ने इनमें से दो की पहचान भी कर ली है. पुलिस के मुताबिक ये एक बंजारा गैंग था जिसके सभी आरोपियों की तस्दीक हो गई है. मेरठ रेंज की डीआईजी लक्ष्मी सिंह ने एक पत्रकार वार्ता में ये बात कही.
अब इस मामले पर सियासत भी गरमा रही है. सोमवार को संसद में बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने उत्तर प्रदेश में बिगड़ते कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से फौरन इस्तीफा देने की मांग की है. मायावति ने कहा, "बुलंदशहर की घटना से साफ जाहिर है कि यूपी में कानून का राज नहीं जंगल राज चल रहा है. मेरी यूपी के सीएम को सलाह है कि अगर उनसे कानून व्यवस्था नहीं संभल रही है तो वो मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दें."
उधर कुछ वरिष्ठ सांसद ये मानते हैं कि जिन परिस्थितियों में ये अपराध हुआ और जिस तरह से पुलिस ने इस मामले की शुरू में तहकीकात की उससे
कई बड़े सवाल खड़े होते हैं. उनकी मांग है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच कराने के लिए ये ज़रूरी है कि एक स्पेशल इन्वेसिटेगशन टीम का गठन हो जो कोर्ट की निगरानी में इसकी जांच करे.
कानून विशेषज्ञ और राज्य सभा सांसद के टी एस तुलसी ने एनडीटीवी से कहा, "पहले पुलिस ने एक समुदाय को लोगों को गिरफ्तार किया. फिर जब गलती पकड़ी गयी और एसपी को हटाया गया तो पुलिस ने दूसरे समुदाय के तीन लोगों को पकड़ लिया. ऐसे में यूपी पुलिस पर जांच नहीं छोड़नी चाहिये. इसके लिए एसआईटी गठित हो जो कोर्ट की निगरानी में जांच करे."
हाइवे गैंगरेप घटना पर चौतरफा आलोचना झेल रही सरकार ने कार्रवाई करते हुए बुलंदशहर के एसएसपी, एसपी सिटी, सीओ और दो इंस्पेक्टरों को सस्पेंड कर दिया है. मुख्यमंत्री अखिलेश ने आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए 24 घंटे की मोहलत दी थी. समाजवादी पार्टी मायावती के आरोपों को खारिज करते हुए तेज और उचित कार्रवाई का दावा कर रही है. सपा सांसद रामगोपाल यादव ने एनडीटीवी से कहा, "ये सही है कि अगर बीट के दरोगा और कांस्टेबल उस वक्त ड्यूटी पर होते तो शायद ऐसा नहीं होता, समय रहते सरकार ने कार्रवाई की. मायावति के पास और कोई मुद्दा या शब्दावली नहीं है."
वहीं इस मामले में गिरफ्तार हुए तीसरे आरोपी के समर्थन में बुलंदशहर के स्थानीय लोगों ने मार्च निकाला. उनका आरोप है कि इस मामले में एक स्थानीय शख्स को पुलिस ने गलत तरीके से फंसाया है.
शुक्रवार की रात नोएडा से शाहजहांपुर जा रहे परिवार को दिल्ली-कोलकाता राष्ट्रीय राजमार्ग पर रोककर 5 आदमियों के समूह ने पहले लूटपाट की और फिर मां-बेटी के साथ सामूहिक बलात्कार किया. बताया जा रहा है कि बदमाशों ने कार में बैठी महिलाओं और पुरुष को हाइवे से कुछ दूर खेत में ले जाकर बंधक बना लिया. इसके बाद इन लोगों ने नकदी समेत जेवर लूट लिए. बाद में मां-बेटी के साथ सामूहिक बलात्कार को भी अंजाम दिया गया.
(नोएडा की महिला और बेटी के साथ गैंगरेप : पुलिस चौकी महज 100 मीटर दूर थी )
अब इस मामले पर सियासत भी गरमा रही है. सोमवार को संसद में बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने उत्तर प्रदेश में बिगड़ते कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से फौरन इस्तीफा देने की मांग की है. मायावति ने कहा, "बुलंदशहर की घटना से साफ जाहिर है कि यूपी में कानून का राज नहीं जंगल राज चल रहा है. मेरी यूपी के सीएम को सलाह है कि अगर उनसे कानून व्यवस्था नहीं संभल रही है तो वो मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दें."
उधर कुछ वरिष्ठ सांसद ये मानते हैं कि जिन परिस्थितियों में ये अपराध हुआ और जिस तरह से पुलिस ने इस मामले की शुरू में तहकीकात की उससे
कई बड़े सवाल खड़े होते हैं. उनकी मांग है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच कराने के लिए ये ज़रूरी है कि एक स्पेशल इन्वेसिटेगशन टीम का गठन हो जो कोर्ट की निगरानी में इसकी जांच करे.
कानून विशेषज्ञ और राज्य सभा सांसद के टी एस तुलसी ने एनडीटीवी से कहा, "पहले पुलिस ने एक समुदाय को लोगों को गिरफ्तार किया. फिर जब गलती पकड़ी गयी और एसपी को हटाया गया तो पुलिस ने दूसरे समुदाय के तीन लोगों को पकड़ लिया. ऐसे में यूपी पुलिस पर जांच नहीं छोड़नी चाहिये. इसके लिए एसआईटी गठित हो जो कोर्ट की निगरानी में जांच करे."
हाइवे गैंगरेप घटना पर चौतरफा आलोचना झेल रही सरकार ने कार्रवाई करते हुए बुलंदशहर के एसएसपी, एसपी सिटी, सीओ और दो इंस्पेक्टरों को सस्पेंड कर दिया है. मुख्यमंत्री अखिलेश ने आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए 24 घंटे की मोहलत दी थी. समाजवादी पार्टी मायावती के आरोपों को खारिज करते हुए तेज और उचित कार्रवाई का दावा कर रही है. सपा सांसद रामगोपाल यादव ने एनडीटीवी से कहा, "ये सही है कि अगर बीट के दरोगा और कांस्टेबल उस वक्त ड्यूटी पर होते तो शायद ऐसा नहीं होता, समय रहते सरकार ने कार्रवाई की. मायावति के पास और कोई मुद्दा या शब्दावली नहीं है."
वहीं इस मामले में गिरफ्तार हुए तीसरे आरोपी के समर्थन में बुलंदशहर के स्थानीय लोगों ने मार्च निकाला. उनका आरोप है कि इस मामले में एक स्थानीय शख्स को पुलिस ने गलत तरीके से फंसाया है.
शुक्रवार की रात नोएडा से शाहजहांपुर जा रहे परिवार को दिल्ली-कोलकाता राष्ट्रीय राजमार्ग पर रोककर 5 आदमियों के समूह ने पहले लूटपाट की और फिर मां-बेटी के साथ सामूहिक बलात्कार किया. बताया जा रहा है कि बदमाशों ने कार में बैठी महिलाओं और पुरुष को हाइवे से कुछ दूर खेत में ले जाकर बंधक बना लिया. इसके बाद इन लोगों ने नकदी समेत जेवर लूट लिए. बाद में मां-बेटी के साथ सामूहिक बलात्कार को भी अंजाम दिया गया.
(नोएडा की महिला और बेटी के साथ गैंगरेप : पुलिस चौकी महज 100 मीटर दूर थी )
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