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This Article is From Dec 11, 2015

शिंजो आबे की बनारस यात्रा के लिए तैयारी, डेढ़ करोड़ की मशीन से हो रही गंगा की सफाई

शिंजो आबे की बनारस यात्रा के लिए तैयारी, डेढ़ करोड़ की मशीन से हो रही गंगा की सफाई
गंगा साफ करने वाली मशीन...
वाराणसी: गंगा की सफाई को लेकर बनारस में कई कवायदें हुईं, लेकिन हालात जस के तस हैं। अब 12 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ आ रहे हैं। ऐसे में पतित पावनी गंगा में आस्था के नाम पर बहाए जाने वाले दीये, फूलमालाओं और दूध के पैकेट जैसी चीजों को हटाने के लिए मुंबई से एक  स्टीमर आया है जो इस कचरे को निकाल रहा है।

यह स्टीमर गंगा के नीचे पांच फुट तक जाकर सफाई करता है। देश की  कई नदियों और तालाबों में इस तरह के स्‍टीमर हैं। फिलहाल टाटा कंपनी के सहयोग से यह स्‍टीमर दो-चार दिन के लिए आया है। इस स्टीमर के आगे हाथी के सूंड की तरह लेकिर उससे चौड़ा जाली का एक प्लेटफॉर्म  है जो ऊपर की ओर रोटेट होता है। ठीक उसी तरह जैसे एस्केलेटर काम करता है। ये गंगा में तैर रहे कूड़े को उसी जाली में उठाता है और इसे स्टीमर पर इकठ्ठा करता जाता है। बाद में इसे घाट पर ले जाकर निकाल दिया जाता है।

स्‍टीमर के साथ आए टाटा कंपनी के प्रतिनिधि बताते हैं कि नेशनल मिशन क्लीन गंगा के तहत इस मशीन के प्रयोग का प्रस्ताव दिया गया है। अगर केंद्र सरकार इस प्रस्ताव को स्‍वीकार करती है तो यह स्‍टीमर बनारस की गंगा को साफ करता नजर आएगा। गुरुवार को बनारस की गंगा में ये मशीन काम करती नज़र आई। इसने मणिकर्णिका घाट तक के तैरते कूड़े को साफ़ किया। ये मशीन घाट पर लोगों के लिए कौतूहल का विषय बनी रही।

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