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गांधीनगर में 'I Love Muhammad' vs 'आई लव Mahadev' मामले से गरबा के दौरान कैसे भड़की हिंसा?

गुजरात में किसी बड़े बवाल की साजिश रची जा रही थी, क्योंकि आरोपों के मुताबिक गांधीनगर में दंगे का प्लान था. बताया जा रहा है कि जब मुस्लिम भीड़ ने हमला किया, उस वक्त लाइट्स ऑफ कर दी गई थी.

  • हिंसा के दौरान गरबा पंडाल और आसपास के हिंदू इलाकों में भीड़ ने दुकानों को तोड़ा-फोड़ा और आग लगा दी थी.
  • पुलिस ने अब तक साठ से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार कर इलाके में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था और गश्त तेज कर दी है.
  • हिंसा के समय बिजली काट दिए जाने से अंधेरे का फायदा उठाकर उपद्रव और हिंसा को बढ़ावा मिला था.
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I Love Mohammad और I Love Mahadev का ट्रेंड देश के कई शहरों में अचानक चल पड़ा.  गलियों, सड़कों और चौराहों पर पोस्टर लग गए. एक तरफ आई लव मोहम्मद और एक तरफ आई लव महादेव के पोस्टर लगे. कानपुर से लेकर मुंबई तक पोस्टर दिखे. सोशल मीडिया पर ये ट्रेंड करने लगा. बृहस्पतिवार रात गुजरात में गरबा चल रहा था. इसी दौरान हमला हो गया.

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गांधीनगर में पहले नारेबाजी शुरू हुई. फिर इस नारेबाजी ने आगजनी की शक्ल ले ली. नारेबादी करने वालों ने पत्थर उठा लिए और पत्थर चलाने लगे. जमकर पत्थरबाजी हुई. पत्थरबाजी के बाद आगजनी शुरू हुई. ढूंढ-ढूंढ कर दुकानों में आग लगा दी गई. दुकानें फूंक दी गई. लोगों को भारी नुकसान हुआ है. ना सिर्फ दुकानों में आग लगाई. दुकान चुन-चुन कर लूटी गई.  सब सीसीटीवी में कैद हो गया.

क्या हिंसक भीड़ का टारगेट गरबा था

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आई लव मोहम्मद बनाम आई लव महादेव के नाम पर गुजरात में गदर मचा. आग लगी, पत्थर चले, दुकानें तोड़ दी गईं, गाड़ियां जला दी गईं. क्या हिंसक भीड़ का टारगेट गरबा था? ये सवाल इसलीए क्योंकि जहां लाखों लोग नवरात्रि में डांडिया करते हैं, उसी गुजरात की राजधानी को सुलगाने का षडयंत्र रचा गया. ये घटना 2002 के गोधरा कांड की याद दिलाती है. उसमें भी ऐसा ही हुआ था, जो कल हो चुकी है. बवाल का एपिकसेंटर गरबा पंडाल था, जहां दंगाई भीड़ सब कुछ बर्बाद करने पर आमादा थी.

आई लव मोहम्मद कैंपेन से बढ़ा तनाव

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बताया जा रहा है आई लव मोहम्मद कैंपेन से कुछ हिंदू नाराज थे. एसके पटेल नाम के शख्स ने अपना व्हाट्सएप स्टेटस लगाया. लिखा सभी को आई लव महादेव का स्टेटस लगाना चाहिए, क्योंकि आज कल मुस्लिम आई लव मोहम्मद का स्टेटस लगा रहे हैं. उनका विरोध करने के लिए हमें महादेव का स्टेटस लगाना चाहिए. जैसे ही ये पोस्ट वायरल हुआ तो इलाके के कुछ मुसलमान भड़क गए. पुलिस के मुताबिक, इस स्टेटस को देखकर भीड़ इकट्ठा हुई, फिर एक साथ जाकर लोगों ने हिंदू इलाके में धावा बोला. वहां गरबा और देवी पूजा चल रही थी.

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उसी पंडाल के पास पत्थरबाजी की गई. मुसलमानों की भीड़ ने पथराव के साथ दुकानों में आग लगा दी. इससे हिंदू पक्ष भी आग बबूला हो गया और पथराव करने लगा. इसके बाद हिंसा भड़क उठी और पूरे इलाके में तनाव फैल गया. सूचना मिलते ही पुलिस पहुंची. बवाल को रुकवाने की कोशिश की. गांधीनगर पुलिस ने 60 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. हिंसा वाले इलाके को पुलिस ने छावनी में तब्दील कर दिया. भारी फोर्स की तैनाती के साथ पुलिस वाले लगातार गश्त कर रहे हैं, लेकिन आप जानकर ताज्जुब करेंगे जो चश्मदीद है, वो कह रहा है कि कल बड़े दंगे की साजिश थी. गोधरा जैसे दंगे की साजिश थी.

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चश्मदीद ने क्या बताया

चश्मदीद ने कहा, "कल रात को जो भी घटना हुई, बहुत खराब घटना हुई है. ऐसी घटना 2002 में गोधरा कांड के दौरान भी नहीं हुई थी. ये तीन-चार दिन से प्री प्लानिंग से ही चल रहा होगा उनका. रास्ते में जो भी दुकान हिंदू की आती है, वो जलाना शुरू कर दिया और जो भी उनसे बनता है नुकसान, नुकसान किया. पूरे इंडिया में ट्रेंड चल रहा है. आई लव मोहम्मद पोस्ट और आई लव महादेव पोस्ट.  पुलिस की पांच-छह गाड़ी को तोड़ डाला और हमारी पंद्रह गाड़ियों को भी तोड़ डाला." 

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पुलिस ने क्या बताया

एसएपी आयुष जैन ने बताया कि दो ग्रुप्स के बीच में पत्थरबाजी का मेन कारण सोशल मीडिया पोस्ट था. जैसे ही पुलिस को इसके बारे में इन्फॉर्मेशन मिली, पुलिस तुरंत स्थान पर पहुंच गई और पूरी स्थिति को काबू कर लिया गया है. अभी तक टोटल साठ से ज्यादा लोगों को राउंड उप किया गया है और बाकी की तलाश अभी जारी है.  पुलिस ने इलाके में पेट्रोलिंग शुरू कर दी है. गिरफ्तार किए आरोपियों को कोर्ट ले जाया गया है.

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हिंसा के दौरान बिजली क्यों काटी गई

गुजरात में किसी बड़े बवाल की साजिश रची जा रही थी, क्योंकि आरोपों के मुताबिक गांधीनगर में दंगे का प्लान था. बताया जा रहा है कि जब मुस्लिम भीड़ ने हमला किया, उस वक्त लाइट्स ऑफ कर दी गई थी. गांधीनगर में हिंसा और पथराव के दौरान अंधेरा हो गया था. आरोप है की बिजली को जानबूझकर काटा गया ताकि अंधेरे में उपद्रव और हिंसा ज़्यादा भड़क जाए. अंधेरे का फायदा उठाकर और भी बवाल की तैयारी थी. पत्थरबाज जानते थे कि अंधेरे में उनका चेहरा नहीं दिखेगा. इससे वो हिंसा भी कर लेंगे और पहचान भी उजागर नहीं होगी, इसलिए बिजली काट दी. जिस जगह हिंसा हुई, वहां सत्तर फीसदी आबादी मुस्लिम बताई जाती है. वहां हिन्दुओं की आबादी करीब पच्चीस फीसदी से ज़्यादा है. 

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