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1 year ago
नई दिल्ली:

ISRO ने 'गगनयान मिशन' की पहली टेस्ट फ्लाइट लॉन्च कर दी है. इसके साथ ही भारत ने स्पेस सेक्टर में एक नया इतिहास रच दिया है. वहीं, महज आधे घंटे में मिशन के लिए फिर से तैयार होना अपने आप में एक इतिहास रचने वाली बात है. क्योंकि इससे थोड़ी देर पहले इसरो ने कहा था कि गगनयान मिशन के तहत पहली उड़ान की टेस्टिंग अब 10 बजे की जाएगी. इसरो ने इस बात की जानकारी दी . इसरो ने कहा कि गगनयान मिशन के मानवरहित टेस्ट मॉड्यूल के लॉन्च को रोकने के कारण का पता लगाया गया है और उसे ठीक कर लिया गया है. इससे पहले ISRO ने  गगनयान मिशन के तहत पहली उड़ान की टेस्टिंग को रोक दिया था. ISRO प्रमुख ने अपने बयान में कहा कि तकनीकी कारणों की वजह से इस प्रक्षेपण को रोकना पड़ा है. हम जल्द ही आपको इस मिशन को लेकर आगे की अपडेट्स साझा करेंगे. बता दें कि जिस समय इस प्रक्षेपण को रोका गया उस समय इस रॉकेट के लॉन्च होने में महज पांच सेकेंड ही बचे थे. ISRO इस बात की जांच कर रही है कि आखिर किन तकनीकी कारणों से आखिरी समय में ये गड़बड़ी सामने आई है. ISRO जल्द ही प्रक्षेपण के लिए नई तारीख का ऐलान करेगा. 

Gaganyaan Mission Test Updates:

ISRO ने 'गगनयान मिशन' की पहली टेस्ट फ्लाइट की लॉन्च
ISRO ने 'गगनयान मिशन' की पहली टेस्ट फ्लाइट लॉन्च कर दी है. गगनयान मिशन के क्रू मॉड्यूल का लिफ्ट ऑफ सफल रहा. इसके साथ ही भारत ने स्पेस सेक्टर में एक नया इतिहास रच दिया है. इससे पहले तकनीकी खामियों के चलते उड़ान को 5 सेकेंड पहले रोक दिया गया था. जिसके बाद इसरो ने गड़बड़ी का पता लगाया और उसे तुरंत ठीक किया.
अब 10 बजे गगनयान मिशन की पहली टेस्ट उड़ान की होगी लॉन्चिंग
इसरो ने कहा है कि गगनयान मिशन के मानवरहित टेस्ट मॉड्यूल के लॉन्च को रोकने के कारण का पता लगाया गया है और उसे ठीक कर लिया गया है. अब आज सुबह 10:00 बजे लॉन्च की योजना बनाई गई है.
इसरो जल्द ही नई लॉन्चिंग डेट का करेगा ऐलान

गगनयान मिशन के टेस्ट व्हीकल की लॉन्चिंग टलने पर इसरो चीफ एस सोमनाथ
गगनयान मिशन के टेस्ट व्हीकल की लॉन्चिंग टल गई है.इसकी जानकारी इसरो चीफ एस सोमनाथ ने खुद दी है. उन्होंने बताया कि तकनीकी कारणों से यह किया गया है. इसरो चीफ एस सोमनाथ ने कहा, लिफ्ट-ऑफ का प्रयास आज नहीं हो सका. इंजन इग्निशन नॉमिनल कोर्स में नहीं हुआ है, हमें यह पता लगाने की जरूरत है कि क्या गलत हुआ. व्हीकल सुरक्षित है, हमें यह देखने की जरूरत है कि क्या हुआ. हम जल्द ही वापस आएंगे. जो कंप्यूटर फंक्शन रहा है उसने लॉन्च रोक दिया है. हम इसे ठीक करेंगे और जल्द ही लॉन्च शेड्यूल करेंगे.'' पूरी खबर पढ़ें...


5 सेकेंड पहले रोकी गई गगनयान मिशन की पहली उड़ान, अब आज नहीं होगी लॉन्चिंग
Gaganyaan Mission Test:  गगनयान मिशन पहली उड़ान को 5 सेकेंड पहले रोका गया है. बता दें कि इस क्रू मॉडल के लॉन्च को रोका गया है. अब आज इसकी लॉन्चिंग नहीं होगी.

8 बजकर 45 मिनट पर होगा गगनयान मिशन का पहला उड़ान परीक्षण
आज गगनयान मिशन का परीक्षण होने जा रहा है. गगनयान मिशन का पहला उड़ान परीक्षण सुबह  8 बजकर 45 मिनट पर किया जाएगा. इसके लिए इसरो ने बड़ी तैयारी की है.

ऐसे किया जाएगा परीक्षण
इसरो गगनयान से जुड़ा जो परीक्षण करने जा रहा है, उसमें शनिवार को संपूर्ण परीक्षण उड़ान कार्यक्रम संक्षिप्त रहने की उम्मीद है, क्योंकि 'टेस्ट व्हीकल एबॉर्ट मिशन' (टीवी-डी1) क्रू एस्केप सिस्टम (चालक बचाव प्रणाली) और क्रू मॉड्यूल को 17 किमी की ऊंचाई पर प्रक्षेपित करेगा, जिसके श्रीहरिकोटा से लगभग 10 किमी दूर समुद्र में सुरक्षित उतरने की उम्मीद है.
क्‍या है ‘क्रू मॉड्यूल’
दरअसल, 'क्रू मॉड्यूल' रॉकेट में पेलोड है, और यह अंतरिक्ष यात्रियों के लिए अंतरिक्ष में पृथ्वी जैसे वातावरण के साथ रहने योग्य जगह है. इसमें एक दबावयुक्त धात्विक 'आंतरिक संरचना' और 'थर्मल सुरक्षा प्रणालियों' के साथ एक बिना दबाव वाली 'बाहरी संरचना' शामिल है. शनिवार को पहली परीक्षण उड़ान के दौरान 'क्रू मॉड्यूल' में लगी विभिन्न प्रणालियों के प्रदर्शन का आकलन करने के लिए डेटा प्राप्त किया जाएगा जिससे वैज्ञानिकों को यान के प्रदर्शन की जानकारी प्राप्त करने में मदद मिलेगी.
यह है गगनयान मिशन का लक्ष्‍य
गगनयान मिशन का लक्ष्य 2025 में तीन दिवसीय मिशन के तहत मनुष्यों को 400 किलोमीटर की ऊंचाई पर पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजना और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाना है. अगर भारत गगनयान मिशन में सफल हो जाता है, तो यह अंतरिक्ष में भारतीयों की एक और लंबी छलांग होगी. 
क्रू एस्केप सिस्टम टेस्ट की टेस्टिंग
परीक्षण यान मिशन का उद्देश्य अंततः गगनयान मिशन के तहत भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी पर वापस लाने के लिए क्रू मॉड्यूल और क्रू एस्केप सिस्टम के सुरक्षा मानकों का अध्ययन करना है. दरअसल, गगनयान मिशन के दौरान रॉकेट में अगर किसी प्रकार की गड़बड़ी होती है, तो अंदर मौजूद एस्ट्रोनॉट को पृथ्वी पर सुरक्षित लाने में क्रू एस्केप सिस्टम की अहम भूमिका होती है. 
गगनयान मिशन को लेकर एक बड़ा परीक्षण
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) आज गगनयान मिशन को लेकर एक बड़ा परीक्षण करने जा रहा है. यह भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजने के महत्वाकांक्षी मिशन की दिशा में आगे बढ़ने का एक कदम है. इसरो ने बताया कि 'क्रू मॉड्यूल' (जिसमें अंतरिक्ष यात्री सवार होंगे) और चालक बचाव प्रणाली से लैस एकल-चरण तरल प्रणोदन रॉकेट को शनिवार सुबह आठ बजे श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र के पहले प्रक्षेपण तल से रवाना किया जाएगा.

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