सही मायने में आजादी की वकालत करते हुए सार्वजनिक क्षेत्र के समाचार चैनल दूरदर्शन ने सरकार को आगाह किया है कि यदि उसे पूरी तरह से स्वतंत्र नहीं किया गया तब वह नरेंद्र मोदी के इंटरव्यू वाली घटना के लिए तैयार रहे। दूरदर्शन की नियामक संस्था प्रसार भारती ने इस संबंध में भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को पत्र लिखकर यह बात कही है।
प्रसार भारती के सीईओ जवाहर सरकार ने अपनी चिट्ठी में दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो में तमाम तबादलों पर भी प्रश्न उठाए हैं। उनका कहना है कि सीईओ होने के बावजूद उन्हें उनके विभाग में किए जा रहे बदलावों के बारे में कोई जानकारी नहीं होती है।
एनडीटीवी के पास इन पत्रों की जानकारी है। अंतिम बार सीईओ सरकार ने 8 अगस्त को मंत्रालय को चिट्ठी लिखी थी। इसी दिन एसएम खान का तबादला किया गया था। खान, दूरदर्शन में समाचारों के प्रभारी थे।
उल्लेखनीय है कि नरेंद्र मोदी द्वारा दूरदर्शन को दिए इंटरव्यू में इतनी काट-छांट की गई थी कि एक विवाद पैदा हो गया था। सूत्रों का कहना है कि उस दौरान खान ही समाचारों के लिए जिम्मेदार थे। बता दें कि यह इंटरव्यू दूरदर्शन पर मई 2014 तब प्रसारित किया गया था जब वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्य विपक्षी दल भाजपा के स्टार प्रचारक के रूप में देश में जारी आम चुनावों के लिए प्रचार कर रहे थे।
इस बीच, पत्रकार अशोक श्रीवास्तव, जिन्होंने नरेंद्र मोदी का इंटरव्यू किया था, ने ट्वीट कर कहा कि वह एक बार फिर दूरदर्शन के साथ अपनी पारी के लिए तैयार हैं।
जब इस मुद्दे पर एनडीटीवी ने जवाहर सरकार से उनकी प्रतिक्रिया जाननी चाही तब उन्होंने कुछ भी कहने से मना कर दिया। वहीं, सूत्रों का कहना है कि जवाहर सरकार को सरकार की ओर से इस मुद्दे पर सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने का आश्वासन मिला है।
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