पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिकों के जान गंवाने पर फ्रांस की ओर से संवेदना जताई गई है. भारत में फ्रांस के राजदूत इमैनुएल लनेन ने एक ट्वीट कर भारत को संवेदनाएं भेजी हैं और देश के लिए जान देने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि दी है. लनेन ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा, 'पिछले कुछ दिनों में सीमा पर देश की रक्षा करते हुए अपनी जान गंवाने वाले भारतीय जवानों के परिवारों और भारत के प्रति हम अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं.'
Our heartfelt condolences to the people of India and our thoughts to the mourning families of the Indian soldiers who laid down their lives in the line of duty over the past few days.
— Emmanuel Lenain (@FranceinIndia) June 19, 2020
इससे पहले अमेरिका ने भी गलवान घाटी को लेकर अपनी संवेदना जताई थी. अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने गुरुवार को ट्वीट कर भारतीय जवानों को श्रद्धांजलि दी. पोम्पियो ने लिखा, 'चीन के साथ हुए हालिया टकराव में भारत के जिन जवानों की जान गई है, उन्हें हम श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं. हम भारत के लोगों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं. इस दुख की घड़ी में हम सैनिकों के परिवारों, प्रियजनों और समुदायों को याद रखेंगे.'
We extend our deepest condolences to the people of India for the lives lost as a result of the recent confrontation with China. We will remember the soldiers' families, loved ones, and communities as they grieve.
— Secretary Pompeo (@SecPompeo) June 19, 2020
अमेरिका की ओर से यह भी कहा गया है कि वो उम्मीद करता है कि ये दो शक्तिशाली एशियाई देश शांतिपूर्ण तरीके से इसका हल निकाल लेंगे और पूरे मामले पर अमेरिका की नजर है.
बता दें कि 15 जून की रात पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हो गई थी. इस दौरान 20 भारतीय जवानों ने अपनी जान गंवा दी थी, 76 सैनिक जख्मी भी हुए थे. हालांकि शुक्रवार को सेना की ओर अपडेट आया है कि भारतीय सेना का कोई भी जवान अब गंभीर रूप से घायल नहीं है और सबकी हालत स्थिर है. सेना के अधिकारियों ने बताया, 'हमारे सभी जवानों की हालत ठीक है और कोई भी सैनिक गंभीर नहीं है. लेह के अस्पताल में हमारे 18 जवान हैं और वह 15 दिन के भीतर ही ड्यूटी ज्वाइन कर लेंगे. इसके अलावा 56 जवान दूसरे अस्पतालों में हैं, जो मामूली तौर पर घायल हैं और वह एक हफ्ते भर के भीतर ही ड्यूटी पर लौट आएंगे.
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