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This Article is From Sep 02, 2016

जाकिर नाईक के एनजीओ का लाइसेंस रिन्यू किया गया, गृह मंत्रालय के चार अफसर सस्पेंड

जाकिर नाईक के एनजीओ का लाइसेंस रिन्यू किया गया, गृह मंत्रालय के चार अफसर सस्पेंड
जाकिर नाईक (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जाकिर नाईक के एनजीओ इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन के एफसीआरए लाइसेंस के नवीनीकरण में मदद करने वाले चार अफसरों को निलंबित कर दिया है. गृह मंत्रालय ने यह कार्रवाई गुरुवार रात में की. जाकिर नाईक के खिलाफ कई तरह की जांचें चल रही हैं. अफसरों पर आरोप है कि इसके बावजूद उन्होंने कथित इस्लामिक प्रचारक के स्वयंसेवी संगठन के नवीनीकरण में उसकी मदद की.

जानकारी के मुताबिक निलंबित किए गए अफसरों में ज्वाइंट सेक्रेटरी फारेन अफेयर्स, दो अंडर सेक्रेटेरी हैं और एक सेक्शन अफसर शामिल हैं. बताया जाता है कि मंत्रालय को जब पता चला कि इन अफसरों ने जाकिर नाईक के एनजीओ 'इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन' के लाइसेंस का नवीनीकरण कर दिया है तो वरिष्ठ अधिकारियों ने यह कार्रवाई की.

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरेन रिजीजू ने कहा कि "नाईक के खिलाफ जांच चल रही है, लेकिन इन अफसरों ने इस बात को नजरअंदाज किया. इसलिए उन्हें निलंबित किया गया है." उन्होंने ट्वीट किया "गृह मंत्रालय ने लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए कानून बनाए हैं. लेकिन जब केस चल रहा हो तो नवीनीकरण नहीं हो सकता. वैसे भी हमने यह सारा मामला ऑनलाइन कर रखा है ताकि कोई गड़बड़ी न हो."

जाकिर नाईक के खिलाफ कई मामलों में जांच चल रही है. न सिर्फ गृह मंत्रालय बल्कि मुंबई पुलिस भी उसके खिलाफ जांच कर रही है. नाईक पर नौजवानों को भड़काने और पीस टीवी के जरिए बरसों से देश और दुनिया में कथित तौर पर आतंक का पाठ पढ़ाने का आरोप है.

उल्लेखनीय है कि बांग्लादेशी अखबार ‘डेली स्टार’ में यह खबर आने के बाद नाईक सुरक्षा एजेंसियों की जांच के दायरे में आया कि ढाका में एक जुलाई को किए गए आतंकी हमले के हमलावरों में से एक रोहन इम्तियाज ने पिछले साल फेसबुक पर नाईक का हवाला देते हुए प्रचार अभियान चलाया था.

अंतरराष्ट्रीय इस्लामिक चैनल पीस टीवी पर प्रसारित नाईक के एक व्याख्यान में कथित तौर पर ‘सभी मुस्लिमों से आतंकी बनने की गुजारिश की गई थी.’ इस लोकप्रिय लेकिन विवादास्पद इस्लामिक वक्ता के कथित तौर पर घृणा फैलाने वाले भाषण के लिए ब्रिटेन और कनाडा ने इस पर प्रतिबंध लगाया रखा है. यह मलेशिया में 16 प्रतिबंधित इस्लामिक विद्वानों में से एक है. वह चैनल पीस टीवी के जरिए बांग्लादेश में लोकप्रिय है.
(इनपुट भाषा से भी)

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