पूर्व केंद्रीय मंत्री और कद्दावर नेता शरद यादव का गुरुवार को निधन हो गया. उन्होंने 75 साल की उम्र में अंतिम सांस ली. नेता के निधन के खबर की पुष्टि उनकी बेटी शुभासिनी शरद यादव ने की है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर लिखा, "पापा नहीं रहे." बता दें कि शरद यादव लंबे समय से बीमार चल रहे थे.
शरद यादव के निधन से राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, " शरद यादव के निधन से बहुत दुख हुआ. अपने लंबे सार्वजनिक जीवन में उन्होंने खुद को सांसद और मंत्री के रूप में प्रतिष्ठित किया. वे डॉ. लोहिया के आदर्शों से काफी प्रभावित थे. मैं हमेशा हमारी बातचीत को संजो कर रखूंगा. उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदनाएं. ओम शांति."
Pained by the passing away of Shri Sharad Yadav Ji. In his long years in public life, he distinguished himself as MP and Minister. He was greatly inspired by Dr. Lohia's ideals. I will always cherish our interactions. Condolences to his family and admirers. Om Shanti.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 12, 2023
आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव जो फिलहाल सिंगापुर में इलाज करा रहे हैं, उन्होंने शोक प्रकट किया है. उन्होंने वीडियो जारी कर कहा, "बड़े भाई शरद यादव के निधन से काफी विचलित और दुखी हूं. हमने राम मनोहर लोहिया समेत कई अन्य नेताओं के साथ मिलकर राजनीति की. वे महान समाजवादी नेत थे. स्पष्टवादी थे. उनसे मैं कभी कभी लड़ भी लेता था. मतभेद होता था, लेकिन मनभेद नहीं. वो अब हमारे बीच नहीं हैं. भगवान उनकी आत्मा को चीर शांति दें. शोकाकुल परिजनों के लिए संवेदनाएं."
बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यावद ने नेता के निधन पर शोक जताया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, " मंडल मसीहा, राजद के वरिष्ठ नेता, महान समाजवादी नेता मेरे अभिभावक आदरणीय शरद यादव जी के असामयिक निधन की खबर से मर्माहत हूँ. कुछ कह पाने में असमर्थ हूँ. माता जी और भाई शांतनु से वार्ता हुई। दुःख की इस घड़ी में संपूर्ण समाजवादी परिवार परिजनों के साथ है."
मंडल मसीहा, राजद के वरिष्ठ नेता, महान समाजवादी नेता मेरे अभिभावक आदरणीय शरद यादव जी के असामयिक निधन की खबर से मर्माहत हूँ। कुछ कह पाने में असमर्थ हूँ।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) January 12, 2023
माता जी और भाई शांतनु से वार्ता हुई। दुःख की इस घड़ी में संपूर्ण समाजवादी परिवार परिजनों के साथ है।
बता दें कि शरद यादव की पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल का 20 मार्च, 2022 को राष्ट्रीय जनता दल में विलय हुआ था. उनके इस कदम को उनके सहयोगियों के पुनर्वास के प्रयास के रूप में देखा जा रहा था क्योंकि जनता दल (यू) नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अलग होने के बाद उन्होंने अपनी पार्टी बनाई थी लेकिन उसका प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा.
उन्होंने 2019 का लोकसभा चुनाव आरजेडी के टिकट पर लड़ा था. वहीं, उनकी बेटी ने 2020 का बिहार विधानसभा चुनाव कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में लड़ा था. उस समय कांग्रेस राजद नीत गठबंधन में शामिल थी.
बता दें कि शरद यादव तीन बार राज्यसभा के सदस्य रहे थे. वहीं, वे सात बार लोकसभा के लिए चुने गए थे. बिहार के सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड के संस्थापक सदस्य रहे शरद ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा महागठबंधन को समाप्त करने और बीजेपी के साथ हाथ मिलाने के बाद उनका साथ और पार्टी छोड़ दी थी.
उनके परिवार में उनकी पत्नी, एक बेटी और एक बेटा है. फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट के एक बयान में कहा गया कि यादव को अचेत और अनकंसियस अवस्था में आपातकालीन वार्ड में लाया गया था.
बयान में कहा गया, "जांच के दौरान, उनके पास कोई नाड़ी या रिकॉर्ड करने योग्य रक्तचाप नहीं था. एसीएलएस प्रोटोकॉल के अनुसार उन्हें सीपीआर दिया गया था. सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद, उन्हें पुनर्जीवित नहीं किया जा सका और रात 10.19 बजे मृत घोषित कर दिया गया."
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