जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए दिल्ली पूरी तरह तैयार है. 9 और 10 सितंबर को राजधानी में जी-20 शिखर सम्मेलन आयोजित किया जाएगा. इसके लिए पूरी राजधानी को भव्य रूप से सजाया गया है. इस मेगा कार्यक्रम में शामिल होने के लिए दुनिया भर से गणमान्य लोगों का दिल्ली पहुंचना शुरू हो गया है. बता दें कि जी-20 के रात्रिभोज में मौजूदा कैबिनेट, विदेशी प्रतिनिधि सांसदों और मंत्रियों के अलावा देश के कुछ पूर्व सीनियर नेता भी शामिल होंगे.दो सीनियर नेताओं को डिनर का न्योता भेजा गया है.
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मनमोहन सिंह और देवेगौड़ा को न्योता
न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और एचडी देवेगौड़ा को भी जी-20 शिखर सम्मेलन के रात्रिभोज में शामिल हने का न्योता भेजा गया है. इन दोनों नेताओं के डिनर में शामिल होने की उम्मीद जताई जा रही है. बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन, ब्रिटिश प्रधान मंत्री ऋषि सुनक, सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान, कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और जापानी प्रधान मंत्री फुमियो किशिदा उन प्रमुख नेताओं में से हैं, जो भारत की राजधानी दिल्ली में हो रहे जी-20 सिखर सम्मेलन में शामिल होने जा रहे हैं.
सोनिया और मल्लिकार्जुन को निमंत्रण नहीं
जी 20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने वाले मोहमानों के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रात्रिभोज का आयोजन किया है. इसके लिए सभी कैबिनेट और राज्य मंत्रियों को निमंत्रण भेजा गया है. डिनर के लिए सभी मुख्यमंत्रियों को भी बुलाया गया है. मेहमानों की लिस्ट में सभी सचिव और अन्य विशिष्ट अतिथि जिनमें बड़े उद्योगपति भी शामिल हैं. पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह और एचडी देवेगौडा को भी रात्रिभोज के लिए आमंत्रित किया गया है. लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे को न्योता नहीं भेजा गया है. साथ ही किसी अन्य राजनीतिक दल के नेता को भी निमंत्रण नहीं दिया गया है.
रात्रिभोज में शामिल होंगे ये विपक्षी नेता
राष्ट्रपति भवन में आयोजित होने वाले रात्रिभोज में विपक्ष के कुछ मुख्यमंत्रियों जैसे नीतीश कुमार, हेमंत सोरेन, ममता बनर्जी, स्टालिन, अरविंद केजरीवाल, भगवंत मान आदि के पहुंचने की पुष्टि हुई है. सभी आमंत्रित अतिथियों को कहा गया कि वे कल शाम यानी कि शनिवार को पौने छह बजे संसद भवन पहुंचें. वहां से उन्हें भारत मंडपम ले जाने और वापस लाने के लिए विशेष यातायात के प्रबंध किए गए हैं. वीवीआईपी मूवमेंट और ट्रैफ़िक पाबंदियों के चलते ऐसा किया गया है. सख्त सुरक्षा व्यवस्था के चलते किसी भी आमंत्रित अतिथि का क़ाफ़िला भारत मंडपम तक नहीं जाएगा. सभी कैबिनेट मंत्री, राज्य मंत्री, मुख्यमंत्री, सचिव और अन्य विशिष्ट अतिथियों के निवास से संसद भवन तक लाने के लिए दिल्ली पुलिस ने यात्रा कार्यक्रम तय किया है.
भारत कर रहा जी-20 की मेजबानी
खास बात यह है कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं होंगे. हालांकि, शिखर सम्मेलन में चीन का प्रतिनिधित्व चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग करेंगे, और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव रूस का प्रतिनिधित्व करेंगे. यह पहली बार है जब G-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी भारत कर रहा है. भारत की परंपरा और ताकत को दर्शाने के लिए बड़े स्तर पर तैयारियां की गई हैं.
मेहमानों का दिल्ली पहुंचना जारी
जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले देशों में नाइजीरिया, अर्जेंटीना, इटली, एयू (कॉम्रोस द्वारा प्रतिनिधित्व), और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं. बांग्लादेश, यूनाइटेड किंगडम, जापान सऊदी अरब, कोरिया गणराज्य, मिस्र, ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, चीन, संयुक्त अरब अमीरात, ब्राजील, इंडोनेशिया, तुर्की स्पेन, जर्मनी, फ्रांस, मैक्सिको, यूरोपीय संघ, सिंगापुर भी सम्मेलन में शामिल होंगे. शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए मेहमानों का दिल्ली पहुंचना शुरू हो गया है. अमेरिका के राष्ट्रपति भी दिल्ली के लिए रवाना हो चुके हैं. वह शुक्रवार शाम को करीब पौने सात बजे दिल्ली पहुंचेंगे.
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