वाराणसी की एक अदालत ने कोयला व्यवसाय नंदकिशोर रूंगटा के भाई महावीर प्रसाद रूंगटा को धमकाने के मामले में कथित बाहुबली पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को शुक्रवार को दोषी करार देते हुए साढ़े पांच साल की कैद की सजा सुनाई और दस हजार रुपये जुर्माना भी लगाया. ये फैसला सांसद-विधायक अदालत (एमपी-एमएलए कोर्ट) के अपर सिविल जज सीनियर डिवीजन (प्रथम) उज्जवल उपाध्याय ने सुनाया है.
पीड़ित के अधिवक्ता विधान चन्द्र यादव ने बताया कि रुंगटा को धमकी देने के मामले में बृहस्पतिवार को मुख्तार अंसारी का बयान अदालत में दर्ज किया गया था. उनके अनुसार बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में पेश हुए थे.
यादव ने बताया कि मुख्तार अंसारी मामले में पांच दिसंबर 2023 को एमपी-एमएलए अदालत ने आदेश सुरक्षित कर लिया था और आज अदालत ने आज मुख्तार अंसारी को दोषी मानते हुए उन्हें साढ़े पांच साल की कैद सजा सुनाई. अदालत ने उन पर दस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. अदालत ने कहा कि अर्थदंड अदा नहीं करने पर अंसारी को दो माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा.
लखनऊ में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने एक बयान में बताया कि पुलिस की प्रभावी पैरवी के चलते मुख्तार अंसारी को यह सजा सुनायी गयी है. बयान में कहा गया कि विगत 15 माह में अंसारी को सात अभियोगों में सजा सुनाई जा चुकी है.
मौजूदा मामला वाराणसी जिले के भेलूपुर थाना में 1997 में जवाहर नगर निवासी महावीर प्रसाद रूंगटा ने दर्ज कराया था. उन्होंने मुख्तार अंसारी पर धमकी देने का आरोप लगाया था.
बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी 1996 से 2017 तक मऊ जिले की मऊ सदर विधानसभा सीट से लगातार पांच बार विधायक निर्वाचित हुए और 2022 के विधानसभा चुनाव में अंसारी के पुत्र अब्बास अंसारी ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के टिकट पर चुनाव लड़कर यह सीट जीती थी.
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