!['मामा' शिवराज चौहान ने विपक्ष पर शायराना अंदाज में किया हमला, बोले- सर्दी-खांसी न मलेरिया हुआ... 'मामा' शिवराज चौहान ने विपक्ष पर शायराना अंदाज में किया हमला, बोले- सर्दी-खांसी न मलेरिया हुआ...](https://c.ndtvimg.com/isdfhp18_shivraj-singh-chouhan-august-2018-650_625x300_15_August_18.jpg?downsize=773:435)
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और अपने प्रशंसकों के बीच 'मामा' के नाम से चर्चित शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) एक बार फिर चर्चा में हैं. राफेल सौदे पर द हिंदू की रिपोर्ट के बाद मचे सियासी बवाल के बीच शिवराज सिंह चौहान ने अपने चिर-परिचित अंदाज में विपक्ष पर निशाना साधा है. शिवराज सिंह (Shivraj Singh Chouhan) ने विपक्ष पर तंज कसते हुए अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा, 'सर्दी, खाँसी न मलेरिया हुआ, ये गया यारों इसको रॉफेलेरिया हुआ!'. शुक्रवार की रात करीब पौने 11 बजे किया गया शिवराज का यह ट्वीट अब सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है. लोग अपने-अपने तरीके से इसके मायने निकाल रहे हैं. आपको बता दें कि एक दिन पहले ही राफेल डील पर द हिंदू की रिपोर्ट सामने आने के बाद यह मामला फिर गरमा गया है और कांग्रेस को इस मामले में सत्तारूढ़ बीजेपी को घेरने का एक और मौका मिल गया है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने द हिंदू की रिपोर्ट से साफ है कि हमारी बात सच साबित हुई. पीएम मोदी खुद इस मामले में बात कर रहे थे और वे घोटाले में शामिल हैं.
सर्दी, खाँसी न मलेरिआ हुआ,
— ShivrajSingh Chouhan (@ChouhanShivraj) February 8, 2019
ये गया यारों इसको रॉफेलेरिआ हुआ!
राहुल गांधी ने कहा कि इस खबर ने प्रधानमंत्री की पोल खोल दी. उन्होंने कहा कि भले ही आप रॉबर्ट वाड्रा और चिदंबरम की जांच कीजिए, मगर राफेल पर भी सरकार को जवाब देना चाहिए. वहीं दूसरी तरफ, राफेल के मुद्दे पर रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में जवाब दिया और कांग्रेस पर पलटवार किया. द हिंदू की खबर को सिरे से खारिज करते हुए लोकसभा में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि विपक्ष बहुराष्ट्रीय कंपनियों और निहित स्वार्थ से जुड़़े तत्वों के हाथों में खेल रहा है और उसका प्रयास गड़े मुर्दे उखाड़ने जैसा है. उन्होंने पीएमओ के हस्तक्षेप के आरोपों को खारिज करते हुए सीतारमण ने कहा कि पीएमओ की ओर से विषयों के बारे में समय-समय पर जानकारी लेना हस्तक्षेप नहीं कहा जा सकता है.
द हिंदू की रिपोर्ट में क्या है :
रक्षा मंत्रालय ने फ्रांस के साथ रफ़ाल सौदे की बातचीत (Rafale Deal) में प्रधानमंत्री कार्यालय के दखल पर एतराज़ जताया था. अंग्रेज़ी अखबार द हिंदू की ख़बर के मुताबिक रक्षा मंत्रालय तो सौदे को लेकर बातचीत कर ही रहा था, उसी दौरान प्रधानमंत्री कार्यालय भी अपनी ओर से फ्रांसीसी पक्ष से 'समांतर बातचीत' में लगा था. अखबार के मुताबिक 24 नवंबर 2015 को रक्षा मंत्रालय के एक नोट में कहा गया कि PMO के दखल के चलते बातचीत कर रहे भारतीय दल और रक्षा मंत्रालय की पोज़िशन कमज़ोर हुई. रक्षा मंत्रालय ने अपने नोट में तब के रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर का ध्यान खींचते हुए कहा था कि हम PMO को ये सलाह दे सकते हैं कि कोई भी अधिकारी जो बातचीत कर रहे भारतीय टीम का हिस्सा नहीं है उसे समानांतर बातचीत नहीं करने को कहा जाए.
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