एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को राज्यसभा के लिए मनोनीत किए जाने को लेकर निशाना साधा है. ओवैसी ने पूछा है कि क्या ये की गई मदद का ईनाम है. ओवैसी ने ट्वीट करते हुए लिखा है, 'क्या ये की गई मदद का ईनाम है? लोगों का जजों की स्वतंत्रता पर भरोसा कैसा रहेगा? बहुत से सवाल हैं.' बता दें, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को गोगोई का नाम राज्यसभा के लिए मनोनीत किया. गोगोई 17 नवंबर 2019 को उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त हुए थे. उनके सेवानिवृत्त होने से पहले उन्हीं की अध्यक्षता में बनी पीठ ने अयोध्या मामले तथा कुछ अन्य महत्वपूर्ण मामलों में फैसला सुनाया था.
Is it “quid pro quo”?
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) March 16, 2020
How will people have faith in the Independence of Judges ? Many Questions pic.twitter.com/IQkAx4ofSf
वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को राज्यसभा के लिए मनोनीत किए जाने को लेकर मंगलवार को दावा किया कि गोगोई न्यायपालिका और खुद की ईमानदारी से समझौता करने के लिए याद किए जाएंगे.
सिब्बल ने ट्वीट किया, 'न्यायमूर्ति एच आर खन्ना अपनी ईमानदारी, सरकार के सामने खड़े होने और कानून का शासन बरकरार रखने के लिए याद किए जाते हैं.'
उन्होंने दावा किया कि न्यायमूर्ति गोगोई राज्यसभा जाने की खातिर सरकार के साथ खड़े होने और सरकार एवं खुद की ईमानदारी के साथ समझौता करने के लिए याद किए जाएंगे.
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