मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने रविवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर चीन से लगी सीमा पर स्थिति पर संसद में बहस से भाग रहे हैं. साथ ही पार्टी ने भी कहा कि उन्हें इस मुद्दे पर जवाब देना चाहिए न कि रक्षा मंत्री को.
विपक्षी दल ने यह भी आरोप लगाया कि एक थिंक टैंक जिसकी एक इकाई का नेतृत्व विदेश मंत्री एस जयशंकर के बेटे कर रहे हैं, को चीनी दूतावास से धन प्राप्त हुआ है.
एक संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा कि सरकार को जवाब देना चाहिए कि यूपीए द्वारा पश्चिम बंगाल में अपना पहला डिवीजन स्थापित करने के बाद माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प्स को "ठंडे बस्ते" में क्यों डाल दिया गया.
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री चीन से जुड़े सवालों पर जवाब देने से बचते हैं. साथ ही वो इस मुद्दे पर बहस नहीं करना चाहते हैं. प्रधानमंत्री के चीन के साथ घनिष्ठ संबंध हैं क्योंकि जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे और चीनी राष्ट्रपति उस देश में एक शीर्ष पद पर थे. वे गहरा संबंध साझा करते हैं."
खेड़ा ने आरोप लगाया कि माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प्स का दूसरा डिवीजन पठानकोट में बनना था, लेकिन वो नहीं हो पाया क्योंकि एक "चीन-प्रेमी" प्रधान मंत्री सत्ता में आ गया था.
जयपुर में एक संवाददाता सम्मेलन में चीन मुद्दे पर टिप्पणी को लेकर राहुल गांधी पर बीजेपी के हमले के बारे में पूछे जाने पर, खेड़ा ने कहा कि पूर्व कांग्रेस प्रमुख ने "केवल इस बात पर प्रकाश डाला कि सरकार ने सशस्त्र बलों के हाथ बांध दिए हैं, जो वीरता से भरे हुए हैं." उन्होंने आरोप लगाया कि वीर सेना, कायर राजा यही इस देश की कहानी हो गई है.
खेड़ा ने ये भी दावा किया कि बीजेपी नेता चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के साथ प्रशिक्षण के लिए अतीत में चीन की यात्रा कर चुके हैं. उन्होंने पूछा कि विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन जैसे संगठन, जिनके साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल जुड़े थे, चीन के साथ क्या संबंध रखते हैं.
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जिस थिंक टैंक की एक इकाई का नेतृत्व विदेश मंत्री एस जयशंकर के बेटे कर रहे हैं, उसे चीनी दूतावास से तीन बार पैसा मिला है.
गौरतलब है कि बीजेपी लंबे समय से कांग्रेस पर चीन से गहरे संबंध होने का आरोप लगाते रही है.
केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने बीते हफ्ते कहा है कि राजीव गांधी फाउंडेशन (आरजीएफ) का विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए) पंजीकरण रद्द कर दिया गया था क्योंकि इसे कथित तौर पर चीनी दूतावास से 1.35 करोड़ रुपये मिले थे.
इसी आरोप पर पलटवार करते हुए कांग्रेस के पवन खेड़ा ने पूछा कि क्या सरकार इन मुद्दों के कारण इस मामले पर चुप है और कहा कि यह सब एक "रहस्य" है, जिसे प्रकट किया जाना चाहिए.
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