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महाकुंभ 2025: यहां आकर आध्यात्म के और करीब पाया... NDTV से बोले विदेशी श्रद्धालु

एस्टोनिया से आई एक महिला श्रद्धालु ने बताया कि वह भी यहां पहली बार आई हैं. यहां आकर आध्यात्म के बेहद करीब महसूस कर रही हूूं. संगम में डुबकी लगाकर ऐसा लग रहा है कि वह पूरी तरह से पवित्र हो चुकी हैं. एस्टोनिया में एक भव्य शिव मंदिर बन रहा है.

विश्व के सबसे बड़े धार्मिक सांस्कृतिक समागम महाकुंभ 2025 ने दुनिया को अचंभित कर रखा है. दुनियाभर के बड़े धार्मिक आयोजनों में यह अपनी विशेष पहचान बना चुका है. प्रतिदिन करीब एक करोड़ और इससे ज्यादा लोग संगम में डुबकी लगाने पहुंच रहे हैं. महाकुंभ नगरी भक्ति और आध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत नजर आ रही है और यही कारण है कि विदेश से भी लोग यहां डुबकी लगाने के लिए पहुंच रहे हैं. एस्टोनिया से आए एक श्रद्धालु ने बताया कि वह यहां पहली बार आए हैं. महाकुंभ में पवित्र स्नान करके उन्हें शांति का एहसास हो रहा है.

एस्टोनिया से आए श्रद्धालुओं ने क्या कहा? 

एस्टोनिया से आई एक महिला श्रद्धालु ने बताया कि वह भी यहां पहली बार आई हैं. यहां आकर आध्यात्म के बेहद करीब महसूस कर रही हूूं. संगम में डुबकी लगाकर ऐसा लग रहा है कि वह पूरी तरह से पवित्र हो चुकी हैं. एस्टोनिया में एक भव्य शिव मंदिर बन रहा है.

एक अन्य श्रद्धालु ने बताया कि वह यहां 2010 में पहली बार आए थे. लेकिन महाकुंभ में पहली बार शामिल हो रहे हैं. यहां आने के बाद ऐसा एहसास हो रहा है कि वह आध्यात्म और शांति के बेहद करीब आ गए हैं. यहां तीन नदियों का संगम है.

एक और महिला श्रद्धालु ने बताया कि यहां आकर उन्हें शांति का अनुभव हुआ है. वह लोग यहां करीब 100 लोगों के समूह में आई हैं. यहां आने का अनुभव अद्भुत रहा और स्नान के बाद शांति का एहसास हुआ.

महाकुंभ में अब तक 40 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं. इस ऐतिहासिक आयोजन में देश के विभिन्न हिस्सों से साधु-संत, राजनेता, सामाजिक कार्यकर्ता और आमजन आस्था के साथ भाग ले रहे हैं. प्रयागराज का यह महाकुंभ सनातन संस्कृति की अनंत धारा को विश्व पटल पर गौरवान्वित कर रहा है.
 

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