श्रीनगर:
NDTV के पास मौजूद दस्तावेजों से खुलासा हुआ है कि पिछले साल कश्मीर में आई भीषण बाढ़ के बाद वहां तहस-नहस जनजीवन को पटरी पर लाने के लिए सेना द्वारा चलाए गए राहत एवं बचाव कार्य की एवज में रक्षा मंत्रालय ने 500 करोड़ रुपए का बिल दिया था। केंद्र ने जम्मू-कश्मीर के राज्य आपदा राहत कोष को 1,602 करोड़ जारी किए थे, उसी में से बिल का भुगतान करने के लिए केंद्र ने 500 करोड़ रुपए अलग रख लिए।
इस बाढ़ में 300 लोग मारे गए थे, जबकि कश्मीर के बड़े हिस्से में, खासकर श्रीनगर में 15 लाख लोगों के आशियाने तबाह हुए थे। वहीं, पर्यटकों सहित करीब दो लाख से ज्यादा लोगों को बचाया गया था और सशस्त्र बलों ने खाना, पानी और दवाइयों को हवाई मार्ग से ऑपरेशन मेघ राहत के जरिये प्रभावितों तक पहुंचाया था।
NDTV के पास उपलब्ध एक्सक्लूसिव दस्तावेजों के अनुसार, इस ऑपरेशन की सेवाएं देने के लिए बड़े बिल को लगाया गया था।
केंद्र सहायता के लिए गृह मंत्रालय द्वारा राज्य सरकार को 6 फरवरी, 2015 को जारी एक पत्र में रक्षा मंत्रालय ने हवाई मार्ग के जरिए की गई आवश्यक आपूर्ति और बचाव के एयर बिल के भुगतान के रूप में करीब 500 करोड़ का बिल लगाया था।
राज्य सरकार ने बाढ़ राहत के लिए केंद्र से बेहतर पैकेज देने को कहा था, जिसमें जम्मू में मकानों के दोबारा निर्माण के लिए 551 करोड़ रुपए की घोषणा की गई थी।
इस बाढ़ में 300 लोग मारे गए थे, जबकि कश्मीर के बड़े हिस्से में, खासकर श्रीनगर में 15 लाख लोगों के आशियाने तबाह हुए थे। वहीं, पर्यटकों सहित करीब दो लाख से ज्यादा लोगों को बचाया गया था और सशस्त्र बलों ने खाना, पानी और दवाइयों को हवाई मार्ग से ऑपरेशन मेघ राहत के जरिये प्रभावितों तक पहुंचाया था।
NDTV के पास उपलब्ध एक्सक्लूसिव दस्तावेजों के अनुसार, इस ऑपरेशन की सेवाएं देने के लिए बड़े बिल को लगाया गया था।
केंद्र सहायता के लिए गृह मंत्रालय द्वारा राज्य सरकार को 6 फरवरी, 2015 को जारी एक पत्र में रक्षा मंत्रालय ने हवाई मार्ग के जरिए की गई आवश्यक आपूर्ति और बचाव के एयर बिल के भुगतान के रूप में करीब 500 करोड़ का बिल लगाया था।
राज्य सरकार ने बाढ़ राहत के लिए केंद्र से बेहतर पैकेज देने को कहा था, जिसमें जम्मू में मकानों के दोबारा निर्माण के लिए 551 करोड़ रुपए की घोषणा की गई थी।
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