गुवाहाटी:
भारी बारिश के चलते असम के कई इलाकों में बाढ़ के हालात बने हुए है। असम के करीब 7 जिलों के 2 लाख से ज़्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हुए है।
असम में बाढ़ से प्रभावित धेमाजी, कोकराझाड़, लखीमपुर, चिरांग, बंगाईगांव, तिनसुकिया और डिब्रुगढ़ जिले में बहने वाली सभी नदियां अपने खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। बाढ़ से सबसे ज़्यादा नुकसान असम के कोकराझाड़ में हुआ है। कोकराझाड़ के करीब 87 गांव बाढ़ के पानी में डूबे हुए है और वहां से लोगों को निकालकर राहत कैंपों तक लाया जा रहा है। स्थानीय प्रशासन के मुताबिक करीब 12 हज़ार एकड़ से ज़्यादा फसल बाढ़ से बर्बाद हो गई है।
दरअसल, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक लक्ष्मण सिंह राठौड़ ने भी बीते दिनों जानकारी देते हुए बताया था कि हिमालय की तराई के क्षेत्रों में बहुत भारी बारिश होगी।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा बुलाई गई उच्चस्तरीय बैठक के बाद उन्होंने कहा, बारिश के कारण कोसी, गंडक, घाघरा सहित गंगा और ब्रह्मपुत्र की सहायक नदियों के जलस्तर में वृद्धि होगी। इससे पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, असम और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो सकती है।
असम में बाढ़ से प्रभावित धेमाजी, कोकराझाड़, लखीमपुर, चिरांग, बंगाईगांव, तिनसुकिया और डिब्रुगढ़ जिले में बहने वाली सभी नदियां अपने खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। बाढ़ से सबसे ज़्यादा नुकसान असम के कोकराझाड़ में हुआ है। कोकराझाड़ के करीब 87 गांव बाढ़ के पानी में डूबे हुए है और वहां से लोगों को निकालकर राहत कैंपों तक लाया जा रहा है। स्थानीय प्रशासन के मुताबिक करीब 12 हज़ार एकड़ से ज़्यादा फसल बाढ़ से बर्बाद हो गई है।
दरअसल, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक लक्ष्मण सिंह राठौड़ ने भी बीते दिनों जानकारी देते हुए बताया था कि हिमालय की तराई के क्षेत्रों में बहुत भारी बारिश होगी।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा बुलाई गई उच्चस्तरीय बैठक के बाद उन्होंने कहा, बारिश के कारण कोसी, गंडक, घाघरा सहित गंगा और ब्रह्मपुत्र की सहायक नदियों के जलस्तर में वृद्धि होगी। इससे पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, असम और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो सकती है।
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