बनारस में गंगा और उसकी सहायक नदियां उफान पर हैं, जिसकी वजह से बनारस जिला तीन तरफ से घिर गया है. बनारस के घाटों पर गंगा ऊपर तक आ गई है, लिहाजा मणिकर्णिका घाट पर शवों का अंतिम संस्कार छत पर हो रहा है. चार दिन पहले ये गलियों में हो रहा था पर गलियों में भी गंगा का कब्ज़ा होने के बाद अब छत ही सहारा है.
दशाश्वमेघ घाट पर भी आरती ऊपर छत पर हो रही है. बनारस के घाटों के सीने तक पानी आ गया है. सभी चौरासी घाट गंगा की ज़द में हैं. आपस में संपर्क कट गया है. घाट के किनारे रहने वाले लोग घर छोड़ चुके हैं. नावों का परिचालन पूरी तरह ठप है.
गंगा ने तकरीबन 124 गांव और शहरों की दर्जनों बस्तियों को चपेट में ले लिया है. लगभग 10 हज़ार लोग 25 राहत कैंपों में रह रहे हैं. NDRF की तीन टीम यहां लोगों को घरों से निकाल रही हैं और जो लोग घरों में रह गए हैं उन्हें राहत सामग्री पहुंचा रहे हैं. गंगा का पानी अभी बढ़ ही रहा है, जिससे ख़तरा बना हुआ है.
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