उधमपुर में अमरनाथ यात्रा के श्रद्धालु्अों का माला पहनाकर स्वागत किया गया.
जम्मू:
जम्मू से बम-बम भोले के नारों के साथ अमरनाथ यात्रा की शुरुआत हो गई. बेस कैंप से कड़ी सुरक्षा के बीच अमरनाथ यात्रा का पहला जत्था बुधवार सुबह पांच बजे रवाना कर दिया गया. इस यात्रा को जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रमणयम, जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के सलाहकार बीबी व्यास और विजय कुमार ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. आज रवाना होने वाले यात्री कल बाबा बर्फानी का दर्शन करेंगे. ये यात्रा 26 अगस्त तक जारी रहेगी.
इस बार अमरनाथ यात्रा को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. यात्रा की सुरक्षा को लेकर चाक-चौबंद प्रबंध किए गए हैं और किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है. कठुआ जिले में लखनपुर आने वाले दूसरे राज्यों के वाहनों की कड़ी जांच के अलावा यात्रा के रास्ते गुजरने वाले हर गाड़ियों की तलाशी ली जा रही है.
प्रशासन इस साल चिकित्सकीय सुविधा पर ज्यादा ध्यान दे रहा है, क्योंकि पिछले साल स्वास्थ्य कारणों से 100 से अधिक तीर्थयात्रियों की मौत हो गई थी. इस वजह से पंजीकरण या चिकित्सकीय स्वास्थ्य प्रमाण पत्र के बगैर किसी को भी यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी. अब तक अमरनाथ यात्रा के लिए 2.25 लाख तीर्थयात्री पंजीकरण करा चुके हैं. अमरनाथ यात्रा के लिए आए श्रद्धालुओं का कहना है कि वे काफी खुश हैं. उन्हें किसी बात का कोई डर नहीं है. सभी सुरक्षा व्यवस्था बेहतर है. समुद्र के सतह से 3,888 मीटर की ऊंचाई पर मौजूद अमरनाथ गुफा के लिए दो रास्ते हैं. एक रास्ता श्रीनगर से लगभग 100 किलोमीटर दूर पहलगाम से है तो दूसरा रास्ता श्रीनगर से 110 किलोमीटर दूर बालटाल से है.
पहलगाम से गुफा का मार्ग पांरपारिक है. यह 32 किलोमीटर लम्बा होने के साथ-साथ मुश्किल भी है. वैसे इन दिनों यात्री बालटाल से जाने वाले रास्ते को वरीयता देते हैं, क्योंकि यह काफी छोटा और आसान है. आपको बता दें कि अमरनाथ गुफा में पवित्र बर्फ का शिवलिंग मौजूद होता है, जो स्वाभाविक रूप से बना हुआ होता है. ये यहां आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए यह मुख्य आकर्षण होता है.
VIDEO : अमरनाथ श्रद्धालुओं का पहला जत्था जम्मू से रवाना
श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ ने अपनी 270 टुकड़ियां तैनात की हैं. इनमें 52 टुकड़ियां जम्मू क्षेत्र में अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा संभालेंगी, जबकि बाकी टुकड़ियां घाटी में यात्रा की सुरक्षा के लिए तैनात की गई हैं. वहीं यात्रा की सुरक्षा का बाहरी घेरा सेना ने संभाल रखी है जिसकी सात बटालियन तैनात की गई है. किसी भी आतंकी खतरने निपटने के लिए बीएसएफ, कश्मीर पुलिस, सेना और सीआरपीएफ के एक लाख जवानों को तैनात किया गया है.
इस बार अमरनाथ यात्रा को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. यात्रा की सुरक्षा को लेकर चाक-चौबंद प्रबंध किए गए हैं और किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है. कठुआ जिले में लखनपुर आने वाले दूसरे राज्यों के वाहनों की कड़ी जांच के अलावा यात्रा के रास्ते गुजरने वाले हर गाड़ियों की तलाशी ली जा रही है.
Udhampur: Pilgrims in first batch of #AmarnathYatra being welcomed by locals & officers of the dist admn, including Dy Commissioner Udhampur Ravinder Kumar & SP Udhampur Faisal Qureshi, at Tikri. Pilgrims say 'We are happy with the arrangements & the security.' #JammuAndKashmir pic.twitter.com/ikD8OeHVjS
— ANI (@ANI) June 27, 2018
प्रशासन इस साल चिकित्सकीय सुविधा पर ज्यादा ध्यान दे रहा है, क्योंकि पिछले साल स्वास्थ्य कारणों से 100 से अधिक तीर्थयात्रियों की मौत हो गई थी. इस वजह से पंजीकरण या चिकित्सकीय स्वास्थ्य प्रमाण पत्र के बगैर किसी को भी यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी. अब तक अमरनाथ यात्रा के लिए 2.25 लाख तीर्थयात्री पंजीकरण करा चुके हैं. अमरनाथ यात्रा के लिए आए श्रद्धालुओं का कहना है कि वे काफी खुश हैं. उन्हें किसी बात का कोई डर नहीं है. सभी सुरक्षा व्यवस्था बेहतर है. समुद्र के सतह से 3,888 मीटर की ऊंचाई पर मौजूद अमरनाथ गुफा के लिए दो रास्ते हैं. एक रास्ता श्रीनगर से लगभग 100 किलोमीटर दूर पहलगाम से है तो दूसरा रास्ता श्रीनगर से 110 किलोमीटर दूर बालटाल से है.
Jammu & Kashmir: Earlier visuals of security arrangements at Srinagar's Shankaracharya temple ahead of #AmarnathYatra pic.twitter.com/ddJA5R1avo
— ANI (@ANI) June 26, 2018
पहलगाम से गुफा का मार्ग पांरपारिक है. यह 32 किलोमीटर लम्बा होने के साथ-साथ मुश्किल भी है. वैसे इन दिनों यात्री बालटाल से जाने वाले रास्ते को वरीयता देते हैं, क्योंकि यह काफी छोटा और आसान है. आपको बता दें कि अमरनाथ गुफा में पवित्र बर्फ का शिवलिंग मौजूद होता है, जो स्वाभाविक रूप से बना हुआ होता है. ये यहां आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए यह मुख्य आकर्षण होता है.
VIDEO : अमरनाथ श्रद्धालुओं का पहला जत्था जम्मू से रवाना
श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ ने अपनी 270 टुकड़ियां तैनात की हैं. इनमें 52 टुकड़ियां जम्मू क्षेत्र में अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा संभालेंगी, जबकि बाकी टुकड़ियां घाटी में यात्रा की सुरक्षा के लिए तैनात की गई हैं. वहीं यात्रा की सुरक्षा का बाहरी घेरा सेना ने संभाल रखी है जिसकी सात बटालियन तैनात की गई है. किसी भी आतंकी खतरने निपटने के लिए बीएसएफ, कश्मीर पुलिस, सेना और सीआरपीएफ के एक लाख जवानों को तैनात किया गया है.
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