छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा है बस्तर अंचल में नक्सल विरोधी अभियान जारी रहेगा. (फाइल फोटो)
रायपुर:
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा है कि देश में नक्सलवाद के खिलाफ अंतिम लड़ाई छत्तीसगढ़ में होगी. बस्तर अंचल में नक्सल विरोधी अभियान जारी रहेगा.
विधानसभा में शुक्रवार को सुकमा जिले के बुरकापाल की नक्सल घटना पर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने स्थगन प्रस्ताव पेश किया, जिस पर सदन में चर्चा कराई गई. चर्चा का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री सिंह ने कहा कि देश में नक्सलवाद के खिलाफ अंतिम लड़ाई छत्तीसगढ़ में होगी. बस्तर अंचल में नक्सल विरोधी अभियान जारी रहेगा. वहां जनता की बेहतरी के लिए शांतिपूर्ण विकास होने तक हम चैन से नहीं बैठेंगे. उन्होंने कहा कि नक्सलियों को सबसे ज्यादा डर विकास की रौशनी से लगता है. वे अंधेरे के पुजारी हैं. उन्हें विकास की रौशनी पसंद नहीं है. उन्हें सड़क, पुल-पुलिया और शिक्षा जैसी सुविधाओं का विकास पसंद नहीं है, लेकिन सरकार बस्तर जैसे इलाकों में जनता की बेहतरी के लिए हर प्रकार के विकास के कार्य कर रही है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सुकमा जिले के बुरकापाल की नक्सल घटना निश्चित रूप से काफी पीड़ादायक है. हमने अपने वीर जवानों को खोया है. हम सबकी संवेदनाएं उनके परिवारों के साथ हैं. सभी लोगों को नक्सलियों की विकास विरोधी मानसिकता का विरोध करना चाहिए.
रमन सिंह ने कहा कि नक्सलवाद के खिलाफ राज्य सरकार की नीति बिल्कुल स्पष्ट है. सरकार ने नीतिगत फैसला लिया है. पहला तो यह कि आतंकवाद और नक्सलवाद से कोई समझौता नहीं करना है. लोकतंत्र की रक्षा के लिए अंतिम दम तक लड़ाई जारी रखेंगे और प्रभावित इलाकों में विकास के लिए लगातार काम करते रहेंगे. उन्होंने कहा कि जगदलपुर-सुकमा-दोरनापाल-जगरगुण्डा की 57 किलोमीटर सड़क का निर्माण केन्द्रीय और राज्य सुरक्षाबलों के सहयोग से किया जा रहा है. इस सड़क के साथ ही बस्तर अंचल में बन रही सड़कों के निर्माण में सुरक्षा देते हुए जवानों ने अपनी शहादत दी है. उन्होंने देश के लिए अपनी शहादत दी है. मैं उनकी शहादत को नमन करता हूं. यह दुनिया के इतिहास की एक ऐसी सड़क है, जिसे जवानों ने अपने खून से सींचा है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर अंचल में पिछले एक साल में 200 किलोमीटर सड़कों का निर्माण पूरा कर लिया गया है. लगभग दो हजार किलोमीटर सड़कें वहां बन रही हैं. सीआरपीएफ, आईटीबीपी, कोबरा बटालियन सहित पुलिस और सुरक्षाबलों के जवान सड़कों के निर्माण में श्रमिकों को सुरक्षा देने का कार्य काफी मेहनत से कर रहे हैं.
सिंह ने अपने भाषण के दौरान झीरम घाटी नक्सली हमले को याद किया और कहा कि उस घटना में हमने राज्य के कई वरिष्ठ नेताओं को खोया था. नक्सलवाद की वजह से वहां हजारों कार्यकर्ताओं की शहादत हुई है. चाहे झीरम घाटी की घटना हो, चाहे 75 जवानों की शहादत और अभी हाल ही में बुरकापाल की घटना. इन सब घटनाओं में हुई शहादत रील की तरह मेरी आंखों के सामने घूमती हैं और कई बार इस बारे में सोचकर मैं रात को सो भी नहीं पाता.
मुख्यमंत्री ने कहा कि बुरकापाल की घटना में शहीद जवानों के परिवारों को हम सब मिलकर यह भरोसा दिलाएं कि हम सब उनके साथ हैं.
सिंह ने कहा कि जो हमारे संविधान में विश्वास नहीं करते, जो हमारे राष्ट्रध्वज का विरोध करते हैं, जो पंचायत के चुनाव से लेकर संसदीय चुनावों तक का विरोध करते है, ऐसे लोग जनता के हितैषी नहीं हो सकते हैं. (इनपुट भाषा से)
विधानसभा में शुक्रवार को सुकमा जिले के बुरकापाल की नक्सल घटना पर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने स्थगन प्रस्ताव पेश किया, जिस पर सदन में चर्चा कराई गई. चर्चा का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री सिंह ने कहा कि देश में नक्सलवाद के खिलाफ अंतिम लड़ाई छत्तीसगढ़ में होगी. बस्तर अंचल में नक्सल विरोधी अभियान जारी रहेगा. वहां जनता की बेहतरी के लिए शांतिपूर्ण विकास होने तक हम चैन से नहीं बैठेंगे. उन्होंने कहा कि नक्सलियों को सबसे ज्यादा डर विकास की रौशनी से लगता है. वे अंधेरे के पुजारी हैं. उन्हें विकास की रौशनी पसंद नहीं है. उन्हें सड़क, पुल-पुलिया और शिक्षा जैसी सुविधाओं का विकास पसंद नहीं है, लेकिन सरकार बस्तर जैसे इलाकों में जनता की बेहतरी के लिए हर प्रकार के विकास के कार्य कर रही है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सुकमा जिले के बुरकापाल की नक्सल घटना निश्चित रूप से काफी पीड़ादायक है. हमने अपने वीर जवानों को खोया है. हम सबकी संवेदनाएं उनके परिवारों के साथ हैं. सभी लोगों को नक्सलियों की विकास विरोधी मानसिकता का विरोध करना चाहिए.
रमन सिंह ने कहा कि नक्सलवाद के खिलाफ राज्य सरकार की नीति बिल्कुल स्पष्ट है. सरकार ने नीतिगत फैसला लिया है. पहला तो यह कि आतंकवाद और नक्सलवाद से कोई समझौता नहीं करना है. लोकतंत्र की रक्षा के लिए अंतिम दम तक लड़ाई जारी रखेंगे और प्रभावित इलाकों में विकास के लिए लगातार काम करते रहेंगे. उन्होंने कहा कि जगदलपुर-सुकमा-दोरनापाल-जगरगुण्डा की 57 किलोमीटर सड़क का निर्माण केन्द्रीय और राज्य सुरक्षाबलों के सहयोग से किया जा रहा है. इस सड़क के साथ ही बस्तर अंचल में बन रही सड़कों के निर्माण में सुरक्षा देते हुए जवानों ने अपनी शहादत दी है. उन्होंने देश के लिए अपनी शहादत दी है. मैं उनकी शहादत को नमन करता हूं. यह दुनिया के इतिहास की एक ऐसी सड़क है, जिसे जवानों ने अपने खून से सींचा है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर अंचल में पिछले एक साल में 200 किलोमीटर सड़कों का निर्माण पूरा कर लिया गया है. लगभग दो हजार किलोमीटर सड़कें वहां बन रही हैं. सीआरपीएफ, आईटीबीपी, कोबरा बटालियन सहित पुलिस और सुरक्षाबलों के जवान सड़कों के निर्माण में श्रमिकों को सुरक्षा देने का कार्य काफी मेहनत से कर रहे हैं.
सिंह ने अपने भाषण के दौरान झीरम घाटी नक्सली हमले को याद किया और कहा कि उस घटना में हमने राज्य के कई वरिष्ठ नेताओं को खोया था. नक्सलवाद की वजह से वहां हजारों कार्यकर्ताओं की शहादत हुई है. चाहे झीरम घाटी की घटना हो, चाहे 75 जवानों की शहादत और अभी हाल ही में बुरकापाल की घटना. इन सब घटनाओं में हुई शहादत रील की तरह मेरी आंखों के सामने घूमती हैं और कई बार इस बारे में सोचकर मैं रात को सो भी नहीं पाता.
मुख्यमंत्री ने कहा कि बुरकापाल की घटना में शहीद जवानों के परिवारों को हम सब मिलकर यह भरोसा दिलाएं कि हम सब उनके साथ हैं.
सिंह ने कहा कि जो हमारे संविधान में विश्वास नहीं करते, जो हमारे राष्ट्रध्वज का विरोध करते हैं, जो पंचायत के चुनाव से लेकर संसदीय चुनावों तक का विरोध करते है, ऐसे लोग जनता के हितैषी नहीं हो सकते हैं. (इनपुट भाषा से)
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