ग्लोबल अर्थव्यवस्था में चुनौतियां बढ़ रही हैं, साथ ही अनिश्चितता बढ़ रही है. हर कंपनी अपनी इन्वेंटरी घटा रही है, इसके कारण डिमांड पर काफी ज्यादा असर हुआ है. इस वजह से भारतीय एक्सपोर्ट प्रभावित हुआ है. यह बात फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशन (FIEO) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) अजय सहाय ने NDTV के साथ विशेष बातचीत में दिसंबर 2022 में निर्यात में आई कमी से संबंधित सवाल के जवाब में कही. चीन के साथ बढ़ते व्यापार घाटे को लेकर सवाल पर उन्होंने कहा, "चीन के साथ व्यापार में ट्रेड डेफिसिट बढ़ने का सबसे बड़ा कारण भारतीय निर्यात (एक्सपोर्ट) में गिरावट है. इस साल निर्यात 37% गिर गया है. लोह अयस्क, कॉपर, अल्मुनियम, स्टील जैसे रॉ मैटेरियल हम चीन को ज्यादा भेजते हैं. चूंकि चीन में कोरोना महामारी के चलते ज्यादातर समय लॉकडाउन में रहा है. चीन में अर्थव्यवस्था कमजोर हुई है इसलिए रॉ मैटेरियल (कच्चा माल) के एक्सपोर्ट पर असर पड़ा है. भारतीय निर्यातकों को मार्केट एक्सेस को लेकर भी चैलेंज झेलना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि चीन से फिनिश्ड गुड्स काफी ज्यादा आ रहे हैं जो चिंता की बात है.
बजट 2023 को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से उम्मीद और मांगों को लेकर सहाय ने कहा, "बजट को लेकर हमारी शॉर्ट टर्म डिमांड है कि एक्सपोर्ट सेक्टर के लिए लिक्विडिटी फ्लो बढ़ाया जाए. कॉस्ट ऑफ क्रेडिट बढ़ गई है. इसको एड्रेस करना जरूरी है. Interest rate subvention स्कीम (ब्याज दर आर्थिक सहायता योजना) को आगे बढ़ाना जरूरी होगा. सूक्ष्म , लघु और मध्यम उद्योगों/उद्यमियों (MSMEs) को मार्केटिंग सपोर्टभी बेहद जरूरी है .हमारी लॉन्ग टर्म डिमांड है कि इंडिया की एक अपनी एक ग्लोबल शिपिंग लाइन होनी चाहिए.
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