खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने के आरोप में एफबीआई ने जिस विकास यादव को वांटेड घोषित किया है, उसे अब से 10 महीने पहले दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने हत्या की कोशिश और अपहरण के आरोप में गिरफ्तार किया था. विकास के साथ एक और शख्स भी दिसबंर 2023 में दर्ज उस मामले में गिरफ्तार किया गया था. इस मामले में मार्च में पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की थी और अप्रैल 2024 में विकास को बेल मिल गई थी.
रोहिणी के रहने वाले एक व्यापारी ने दिसम्बर 2023 में पुलिस को शिकायत दी थी कि उसके जानकार ने एक महीने पहले नवम्बर 2023 में विकास यादव को उससे मिलवाया था और कहा था कि ये एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी है. व्यापारी का काम इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी से जुड़ा है, इसलिए उसके कई कॉन्टेक्ट पश्चिम एशिया में है. व्यापारी ने पुलिस को बताया कि उसने विकास ने मोबाइल नंबर एक दूसरे को दिया, ताकि कॉन्टेक्ट में रहें. दोनों के बीच अच्छी दोस्ती हो गई. व्यापारी की शिकायत के मुताबिक, विकास अक्सर उसके काम और दोस्तों के बारे में पूछता था. उसके मुताबिक, विकास ने उसे ये भी बताया था कि वो अंडर कवर एजेंट का काम करता है. लेकिन काम और दफ्तर की जानकारी कभी साझा नहीं की थी.
व्यापारी ने जो शिकायत पुलिस को दी थी उसके मुताबिक 11 दिसंबर को विकास ने उन्हें फोन किया और कहा किसी मुद्दे पर बात करनी है और लोधी रोड आ जाओ. वह लोधी रोड पहुंचा तो वहां पर विकास के साथ एक और शख्स था जिसके बाद वह जबरन अपहरण कर डिफेंस कॉलोनी के फ्लैट में व्यापारी को ले गए और वहां पर उसे विकास ने उससे कहा कि लॉरेंस बिश्नोई ने उसे खत्म करने की सुपारी दी है.
इसके बाद विकास के साथी ने व्यापारी के सिर पर मारा उसकी सोने की चेन और अंगूठियां ले ली फिर व्यापारी के एक कैफे पर गए और वहां पर जो भी कैश था वह लेकर विकास और उसके साथी निकल गए और व्यापारी को सड़क के किनारे छोड़ गए साथ-साथ धमकी दे गए कि अगर किसी से शिकायत किया तो ठीक नहीं होगा.
व्यापारी ने इस मामले में दिल्ली पुलिस से शिकायत की दिल्ली पुलिस ने इस मामले में जान से मारने की कोशिश, आपराधिक साजिश और अपहरण की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर लिया और विकास और उसके साथी को 18 दिसंबर को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में विकास के साथी ने बताया कि उसका पुरानी गाड़ी का व्यापार है, जिसमें उसे नुकसान हुआ. इसलिए वह विकास के साथ साजिश में शामिल हुआ. वहीं, विकास ने कहा कि उसके पिता बीएसएफ में थे, 2007 में उनकी मौत हो गई थी.
विकास ने बताया था कि जिस दिन वह व्यापारी से मिला था, उसी दिन उसने इसके जरिए पैसे कमाने की प्लानिंग बनाई थी. दिल्ली पुलिस ने इस मामले में एफआईआर मार्च महीने में दाखिल की, और अप्रैल में विकास को बेल मिल गई. हालांकि, 22 मार्च को ही विकास को अंतरिम जमानत मिल गई थी, लेकिन फिर अप्रैल में नियमित जमानत मिल गई.
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