किसानों के साथ गुरुवार को हुई सरकार की बैठक एक बार फिर बेनतीजा रही है और इस तरह किसान आंदोलन (Farmers Protests) अपने नौवें दिन में प्रवेश कर गया है. किसान संगठनों के नेता बैठक में तीन नए कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांगों पर अड़े रहे. जानकारी है कि सरकार ने किसानों को कानूनों में संशोधन का प्रस्ताव भी दिया था, जिससे किसानों ने इनकार कर दिया. आठ घंटों तक चली इस मीटिंग में किसानों ने सरकार की ओर से खाने, चाय और पानी के इंतजाम को भी ठुकरा दिया और अपने साथ लंगर का लाया हुआ खाना खाया.
अपनी ओर से सरकार ने लगभग 40 किसान संगठनों के नेताओं को भरोसा दिलाया कि उनकी सभी वैध चिंताओं को संबोधित किया जाएगा लेकिन किसान संगठनों का सीधा कहना है कि सितंबर में पास किया गया कानून जल्दबाजी में लाया गया है और कई कमियां और लूपहोल हैं.
Here are the live updates on Farmers Protest in Delhi :
केंद्र सरकार से हाल के तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की किसानों की मांग स्वीकार करने की मांग करते हुए इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) ने शुक्रवार को कृषकों के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के शिरोमणि अकाली दल (शिअद) द्वारा बनाये जाने वाले किसी भी मोर्चे में शामिल होने की इच्छा प्रकट की.
केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के सिंघू बार्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के लिए 25 सदस्यीय मुस्लिम टीम बुधवार से ही लंगर (सामुदायिक रसोई) चला रही है.
भारत ने शुक्रवार को कनाडा के उच्चायुक्त को तलब कर कहा कि किसानों के आंदोलन के संबंध में कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और वहां के कुछ अन्य नेताओं की टिप्पणी देश के आंतरिक मामलों में एक "अस्वीकार्य हस्तक्षेप" के समान है.