अपराधियों के साथ मुठभेड़ के दौरान मारे गए पुलिस कांस्टेबल का शव मंगलवार को उनके गृहनगर मुजफ्फरनगर पहुंचा. पुलिस कांस्टेबल सचिन राठी (Police Constable Sachin Rathi) को कन्नौज में हत्या के आरोपी अशोक यादव के साथ कल हुई मुठभेड़ के दौरान गोली लगी थी. बाद में उनकी मौत हो गयी. राठी उस चार सदस्यीय टीम का हिस्सा थे जो कम से कम 20 मामलों में वांछित अशोक यादव को उसके घर कन्नौज से गिरफ्तार करने गई थी. इस दौरान ही पुलिस की मुठभेड़ हो गयी और सचिन राठी को गोली लग गयी. स्थानीय अदालत द्वारा अशोक यादव के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया गया था.
पुलिस टीम पर अशोक यादव की तरफ से की गयी फायरिंग
पुलिस टीम को देखते ही अशोक यादव और उसके बेटे अभय ने फायरिंग शुरु कर दी. चार पुलिस स्टेशनों की मदद से दोनों को पकड़ लिया गया. एक घंटे तक चली मुठभेड़ के दौरान, राठी की जांघ में गोली लगी और काफी खून बहने के बाद कानपुर के एक अस्पताल में उनकी मौत हो गई. बताते चलें कि सचिन राठी की अगले ही महीने अपने साथ ही काम करने वाली एक पुलिसकर्मी के साथ शादी होने वाली थी.
"...हम न्याय की मांग करते हैं"
शहीद के चाचा देवेन्द्र राठी ने कहा कि हम चाहते हैं कि उन्हें शहीद घोषित किया जाए...साथ ही...अपराधियों के साथ वही व्यवहार किया जाना चाहिए...उन्हें वही मिलना चाहिए जो सचिन के साथ हुआ...हम न्याय की मांग करते हैं. मार्च 2017 में योगी आदित्यनाथ की सरकार आने के बाद से उत्तर प्रदेश में अपराधियों के साथ मुठभेड़ के दौरान 16 से अधिक पुलिसकर्मी मारे गए हैं और 1500 से अधिक घायल हुए हैं. इस अवधि में कुल मिलाकर 11,808 मुठभेड़ हुई हैं.
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