गुड फ्राइडे के मौके पर जज कॉन्फ्रेंस के आयोजन के मामले में उठे विवाद पर प्रधान न्यायाधीश जस्टिस एचएल दत्तू ने कहा है कि यह पारिवारिक मामला है और इसे परिवार में ही सुलझाया जाएगा। जस्टिस दत्तू ने कहा कि वह इस परिवार के मुखिया हैं और इस मामले को बाहर नहीं जाना चाहिए था।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के ही जज जस्टिस कुरियन जोसफ ने चीफ जस्टिस को चिट्ठी लिखी और बाद में प्रधानमंत्री को भी पत्र लिखा। जस्टिस कूरियन इस कॉन्फ्रेंस के अलावा डिनर में भी शामिल नहीं हुए थे। हालांकि विज्ञान भवन में आयोजित सम्मेलन में सुप्रीम कोर्ट के आधे से भी कम जज शामिल हुए।
चीफ जस्टिस ने कहा कि इस कॉन्फ्रेंस में सुप्रीम कोर्ट के सभी जजों के शामिल होने की जरूरत नहीं थी। लेकिन जस्टिस कुरियन के विरोध से जो विवाद खड़ा हुआ है, उसे परिवार में ही सुलझाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में सभी जज एक परिवार की तरह हैं और यह मामला भी पारिवारिक तौर पर सुलझा लिया जाएगा।
गौरतलब है कि जस्टिस कुरियन ने चिट्ठी में लिखा है कि देश में सभी धर्मों को बराबर का दर्जा दिया गया है, लिहाजा इस तरह का आयोजन गुड फ्राइडे के जैसे दिन किया जाना ठीक नहीं है। इसे भी दीवाली, ईद की तरह सम्मान दिया जाना चाहिए।
इस मामले में पूर्व मुख्य न्यायधीश केएन सिंह ने एनडीटीवी इंडिया से बात करते हुए कहा कि यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है और कॉन्फ्रेंस को लेकर ऐसा विवाद नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि न्यायिक सुधार को लेकर एक अहम कॉन्फ्रेंस है और इसे छुट्टियों में भी आयोजित किया जाता है। ऐसे में इस तरह के विवाद न्यायपालिका की छवि खराब करते हैं।
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