दिल्ली में फर्जी वीजा बनाने वाला एक गिरोह पकड़ा गया है. इस गिरोह के मास्टरमाइंड का रिश्तेदार इंडियन मुजाहिद्दीन से जुड़ा है. ये गिरोह अभी तक 6 करोड़ रुपये ठग चुका है. दिल्ली पुलिस के क्राइम ब्रांच के स्पेशल सीपी रविन्द्र यावद ने बताया कि इस गिरोह के सात लोगों को गिरफ्तार किया है. 1000 से ज्यादा लोगों को वीजा देने के नाम पर ये गिरोह ठग चुका है. पुलिस अब ये जानकारी जुटाने में लगी है कि इस गिरोह के तार कहां-कहां जुड़े हुए हैं.
दरभंगा का रहनेवाला है मास्टरमाइंड
फर्जी वीजा रैकट का मास्टरमाइंड ईमान उल हक नाम का शख्स बताया जा रहा है, जो दरभंगा का रहने वाला है. ईमान फिलहाल जाकिर नगर में रह रहा था बताया जा रहा है कि इस गिरोह के शिकार ज्यादातर केरल से हैं. ये लोग अलग-अलग जगहों पर फ्रंट ऑफिस खोलते थे. वहीं, एक कॉल सेंटर खोलकर पीड़ितों को कॉल करते रहते थे.
एक पीड़ित से लेते थे 60 हजार रुपये
ये गिरोह एक रणनीति के तहत काम करता था. एक पीड़ित से ये लोग 60 हजार रुपये लेते थे. इसके बाद उसे पेपर पूरे करने के चक्कर में उलझाए रखते थे. एक सेंटर पर जब काफी लोगों को जाल में फंसा लेते थे, तो ठगी के बाद वहां ऑफिस बंद कर देते थे. इसके बाद फिर नई जगह पर सेटअप लगाते और नए लोगों को शिकार बनाते. लोगों को फंसाने के लिए ये नौकरी डॉट कॉम जैसी कंपनियों पर नौकरियों के प्रोफाइल अपलोड कर देते थे. और लोगों से कहते थे कि कंपनी दुबई की है. ये गिरोह लोगों को खाड़ी देशों और मलेशिया भेजने के नाम पर भी ठगी करता था.
सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिए कंपनी का प्रचार भी कराते
दिल्ली पुलिस ने इस गिरोह के पास से 100 पासपोर्ट, कई लैपटॉप और फर्जी आधार कार्ड बरामद किये हैं. ये लोग फर्जी आधार कार्ड बनाते थे. लोगों से ये कहते थे पहले टूरिस्ट परमिट दिलाएंगे और वहां पहुंचकर वर्क परमिट दिलावा देंगे. लोगों से पैसा भी ये फेक अकाउंट पर ट्रांसफर कराते थे. इतना ही नहीं सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिए कंपनी का प्रचार भी कराते थे.
ईमान उल-हक का एक रिश्तेदार इंडियन मुजाहिद्दीन से जुड़ा है, उसकी जांच चल रही है. ईमान उल ने इंजीनियरिंग की है. वहीं, एक आरोपी ने बिट्स भोपाल से एम टेक किया है.
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