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This Article is From Oct 23, 2021

आपत्तिजनक वीडियो वायरल करने की धमकी देकर वसूली करने वाले अंतरराज्‍यीय रैकेट का मास्‍टरमाइंड गिरफ्तार

पुलिस ने केस दर्ज कर जांच में यह पाया गया कि जबरन वसूली करने वाले 100 से अधिक मोबाइल फोन और 1000 से अधिक सिम कार्डों का उपयोग कर रहे थे. जांच के दौरान पता चला कि ये लोग राजस्थान के भरतपुर जिले के तहसील नगर के आसपास मेवात क्षेत्र से गैंग चला रहे हैं. 

आपत्तिजनक वीडियो वायरल करने की धमकी देकर वसूली करने वाले अंतरराज्‍यीय रैकेट का मास्‍टरमाइंड गिरफ्तार
क्राइम ब्रांच ने गिरोह के सरगना नासिर को राजस्थान के भरतपुर से गिरफ्तार कर लिया. 
नई दिल्‍ली:

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच (Delhi Police Crime Branch) ने आपत्तिजनक वीडियो वायरल करने की धमकी देकर लोगों से वसूली करने वाले रैकेट के मास्‍टरमाइंड को गिरफ्तार किया है. आरोपी अपने सहयोगियों के साथ कई लोगों को इंटरनेट पर उनके आपत्तिजनक वीडियो वायरल करने की धमकी देकर जबरन वसूली कर रहा था. आरोपी ने जबरन वसूली के पैसे से एक बोलेरो एसयूवी कार खरीदी थी, उसके फर्जी बैंक खातों को फ्रीज कर दिया गया है, जिसमें कुल 2,39,000 रुपये हैं. 

क्राइम ब्रांच के जॉइंट सीपी आलोक कुमार के मुताबिक,  2 अक्टूबर को एक सीनियर सिटीजन ने एक शिकायत देकर कहा कि उसे अलग-अलग नंबरों से जबरन वसूली के कॉल आ रहे हैं और कॉल करने वाला खुद को यूट्यूब का अधिकारी बता रहा है.  वे यह कहकर मोटी रकम की मांग कर रहे हैं कि उन्हें एक लड़की से शिकायत मिली है.  शिकायत में लड़की ने कहा है कि सीनियर सिटीजन ने उसके साथ गलत काम किया है. कॉल करने वाले ने कहा कि इसका उसके पास वीडियो भी है. 

आलोक कुमार के मुताबिक, कॉलर ने आगे कहा कि वो अपने वीडियो को इंटरनेट पर अपलोड होने से हटाने के लिए यू-ट्यूब के लोगों से संपर्क करे. तथाकथित यूट्यूब के फर्जी अधिकारियों ने उसका वीडियो अपलोड न करने के लिए उससे पैसे की मांग की. अपनी सामाजिक प्रतिष्ठा के डर से उसने अपने बैंक खातों से लगभग 4,00,000 रुपये जबरन वसूलीकर्ता द्वारा बताए गए बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिए क्योंकि उन्होंने उसे मांगे गए पैसे का भुगतान करने के लिए कहा था, अन्यथा उसे बलात्कार के मामले में झूठा फंसाया जाएगा और उसका अलग अलग सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर वीडियो अपलोड किया जाएगा.  

पुलिस ने केस दर्ज कर जांच में यह पाया गया कि जबरन वसूली करने वाले 100 से अधिक मोबाइल फोन और 1000 से अधिक सिम कार्डों का उपयोग कर रहे थे, जो असम, बिहार, राजस्थान से फर्जी आईडी पर जारी किए गए थे. जांच के दौरान पता चला कि ये लोग राजस्थान के भरतपुर जिले के तहसील नगर के आसपास मेवात क्षेत्र से गैंग चला रहे हैं. 

क्राइम ब्रांच को पता चला कि गिरोह का सरगना नासिर राजस्थान के भरतपुर आने वाला है. टीम ने इसी सूचना पर 25 साल के नासिर को भरतपुर से गिरफ्तार कर लिया. 

आरोपी नासिर भरतपुर का ही रहने वाला है.  वह 8वीं पास है.  उसका एक भाई शाकिर है, जो इस मामले में फरार चल रहा है. वो ट्रक ड्राइवर का काम करता था. बाद में, उसने देखा कि उसके कई जानकार साइबर धोखाधड़ी और ऐसे मामलों के इस्तेमाल से बहुत पैसा कमा रहे थे तो पिछले दो साल से वह भी इसी अपराध में शामिल होकर व्हाट्स एप और फेसबुक के जरिए लोगों से रंगदारी और ठगी करने लगा. आरोपी के 6 बैंक खातों को फ्रीज कर दिया गया है. साथ ही आरोपी ने कई राज्यों में इस तरह से लाखों की जबरन वसूली की है, नासिर के कुछ और साथियों की तलाश जारी है. 

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