पश्चिम बंगाल के वनमंत्री तथा तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेता ज्योतिप्रिय मल्लिक (Jyotipriya Mallick) को गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय, यानी ED ने कई करोड़ रुपये के कथित राशन वितरण घोटाले के सिलसिले में गिरफ़्तार कर लिया. ED ने गुरुवार सुबह ज्योतिप्रिय मल्लिक के आवास सहित आठ ठिकानों पर छापा मारा था, और लगभग 20 घंटे के छापे के बाद उन्हें गिरफ़्तार किया गया.
क्यों मारा गया ज्योतिप्रिय मल्लिक पर छापा...?
गुरुवार को की गई छापेमारी की कार्रवाई ज्योतिप्रिय मल्लिक के करीबी व्यवसायी बकीबुर रहमान की गिरफ़्तारी हुई, और ख़बरों के मुताबिक, बकीबुर रहमान से की गई पूछताछ में ED को कई अहम सुराग मिले हैं. ख़बरों के मुताबिक, बकीबुर रहमान और उसके नातेदारों के पास कथित रूप से 100 करोड़ रुपये की संपत्ति है, और ED ने समूचे पश्चिम बंगाल में फैली कम से कम 95 संपत्तियों की जानकारी हासिल की है.
ED ने बकीबुर रहमान के कैखली स्थित आवास में छापेमारी के दौरान तीन मोबाइल फ़ोन और कथित रूप से अनेक आपत्तिजनक दस्तावेज़ ज़ब्त किए, जिनमें ज्योतिप्रिय मल्लिक का नाम भी सामने आया. ED का यह भी दावा है कि बकीबुर रहमान की योजना गिरफ़्तारी से पहले दुबई चले जाने की थी.
क्या है सार्वजनिक वितरण प्रणाली या राशन वितरण घोटाला...?
वर्ष 2011 से 2021 के बीच पश्चिम बंगाल में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) में कई अनियमितताएं सामने आई थीं, और उस समय ज्योतिप्रिय मल्लिक राज्य के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री थे. इसके अलावा यह मामला कोरोनावायरस और उससे होने वाले रोग COVID-19 के चलते लागू किए गए लॉकडाउन के दौरान किए गए खाद्यान्न वितरण से जुड़ा है.
गिरफ़्तार किए गए ममता सरकार के दूसरे मंत्री हैं ज्योतिप्रिय...
ज्योतिप्रिय मल्लिक, पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षामंत्री और TMC विधायक पार्थ चटर्जी के बाद केंद्रीय एजेंसी द्वारा गिरफ़्तार किए जाने वाले दूसरे कैबिनेट सदस्य हैं. वैसे, ज्योतिप्रिय मल्लिक कुल मिलाकर चौथे TMC जनप्रतिनिधि हैं, जिन्हें केंद्रीय एजेंसियों ने अब तक गिरफ़्तार किया है. उनसे पहले, पार्थ चटर्जी, माणिक भट्टाचार्य और जीबन कृष्ण साहा को गिरफ़्तार किया जा चुका है.
ज्योतिप्रिय मल्लिक के अतिरिक्त तीनों नेताओं को राज्य के स्कूलों में नौकरी के लिए नकदी लेने के आरोपों में गिरफ़्तार किया गया था, और वर्ष 2011 से 2021 के बीच राज्य के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री रहे ज्योतिप्रिय मल्लिक को उनके पिछले कार्यकाल के दौरान हुए राशन वितरण घोटाले के सिलसिले में गिरफ़्तार किया गया है. इन नेताओं में से जीबन कृष्ण साहा को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने गिरफ़्तार किया था, जबकि शेष तीनों नेताओं को ED ने गिरफ़्तार किया है.
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